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दिल्ली पुलिस की वर्दी पर लगा 'दाग', कांस्टेबल ने गुरुग्राम के दो दोस्तों को किडनैप किया; एक करोड़ मांगी फिरौती

गुरुग्राम के सेक्टर-15 से ट्रेडिंग का काम करने वाले दो युवकों का अपहरण कर एक करोड़ की फिरौती मांगने के मामले की गुरुग्राम पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। दिल्ली पुलिस के सिपाही समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, गुरुग्रामFri, 25 Oct 2024 11:23 AM
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गुरुग्राम के सेक्टर-15 से ट्रेडिंग का काम करने वाले दो युवकों का अपहरण कर एक करोड़ की फिरौती मांगने के मामले की गुरुग्राम पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। दिल्ली पुलिस के सिपाही समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान अपहरणकर्ताओं से हुई झड़प में पालम विहार अपराध शाखा का एक सब-इंस्पेक्टर घायल हो गया। पुलिस ने आरोपियों से दोनों युवकों को सकुशल छुड़ाकर एक कार, एक बाइक और बैग बरामद किया है। पुलिस आरोपियों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

सिविल लाइंस थाना पुलिस में बुधवार को एक व्यक्ति ने शिकायत दी कि उनका बेटा अमन अपने दोस्त गणेश के साथ शेयर बाजार में ट्रेडिंग का काम करते हैं। दोनों स्कॉर्पियो गाड़ी में गलेरिया मार्केट गुरुग्राम गए थे। घर नहीं पहुंचने पर फोन किया तो दोनों के मोबाइल बंद मिले। अमन के एक अन्य दोस्त ने उन्हें कॉल करके बताया कि अमन का उसके पास फोन आया था। उसने दोस्त को बताया कि कुछ लोगों ने उसे और गणेश का अपहरण कर लिया है और एक करोड़ रुपए की फिरौती मांग रहे हैं। फिरौती नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की संगीनता को देखते हुए एसीपी अपराध वरुण दहिया, एसीपी सिटी सुरेंद्र की अगुवाई में सिविल लाइंस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरविंद कुमार, पालम विहार अपराध शाखा के प्रभारी एसआई सुमित कुमार, मानेसर अपराध शाखा के प्रभारी एसआई ललित कुमार और सेक्टर-10 अपराध शाखा के प्रभारी एसआई प्रमोद की संयुक्त पुलिस टीमें गठित की गईं। पांच को दबोचा गया।

आरोपियों की पहचान 35 वर्षीय सोनीपत के ऋषि पाल, 31 वर्षीय जींद निवासी कुलदीप और 32 वर्षीय सुनील, रोहतक के मोखरा निवासी 21 वर्षीय दीपक उर्फ डंबल, भिवानी निवासी 21 वर्षीय सोनू के रूप में हुई। ऋषिपाल फिलहाल गुरुग्राम के सेक्टर-37 डी में तथा दीपक और सोनू सेक्टर-10 गुरुग्राम में रहते हैं। आरोपी सुनील दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है।

आरोपियों पर दर्ज हैं कई आपराधिक मामले

दिल्ली पुलिस के सिपाही आरोपी सुनील पर मारपीट करने के संबंध में एक मामला रोहतक, गैर इरादतन हत्या के मामले में (एक्सीडेंट में) एक मामला जींद में दर्ज है। ऋषिपाल पर चोरी करने का एक मामला रोहतक, दो मामले सोनीपत, एक मामला हांसी व गैर इरादतन हत्या के मामले में (एक्सीडेंट में) एक मामला गुरुग्राम में दर्ज है। आरोपी कुलदीप पर शस्त्र अधिनियम के तहत एक मामला कैथल में दर्ज है। पुलिस ने आरोपी ऋषिपाल और कुलदीप को सेक्टर-37डी से तथा दीपक, सुनील और सोनू को आशीष वाटिका अमर कॉलोनी पटौदी रोड से काबू किया। इस योजना का मास्टरमाइंड कुलदीप है।

एक लाख रुपये इनाम देने की घोषणा

मामले में तत्परता से कार्यवाही करके पीड़ितों को आरोपियों से सकुशल छुड़ाकर और आरोपियों को गिरफ्तार करने पर पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने पुलिस टीमों की सराहना की। उन्होंने संयुक्त पुलिस टीमों को एक लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की।

अपहरण से पहले आरोपियों ने रेकी की

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सुनील दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर कार्यरत है। आरोपियों ने पहले अमन की रेकी की थी। इसके बाद अमन का अपहरण करके फिरौती मांगने की वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई। जब अमन बुधवार को अपने दोस्त के साथ जा रहा था तो सेक्टर-15 पार्ट-2 गुरुग्राम के पास आरोपियों ने उसकी गाड़ी के आगे गाड़ी लगाकर अमन तथा उसके दोस्त का अपहरण कर लिया। इसके बाद उन्हें अमर कॉलोनी गुरुग्राम में लिए हुए किराए के कमरे में बंधक बनाकर रखा। एक करोड़ रुपए फिरौती की मांग की थी।

झड़प में एसआई घायल

पुलिस टीम द्वारा आरोपियों को काबू करने के लिए एक योजना बनाई गई। सिविल वर्दी में पुलिस तैनात रही और रुपयों का बैग रखा गया। उसे लेने आरोपी आए तो उनकी पुलिस टीम से झड़प हो गई। इसमें पालम विहार अपराध शाखा के प्रभारी एसआई सुमित कुमार घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया, जिनके हाथ में फ्रैक्चर आया है।

दोस्ती के चक्कर में फंसा सिपाही

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सिपाही सुनील और कुलदीप की अच्छी दोस्ती हैं। कुलदीप के कहने पर सिपाही सुनील उसके साथ वर्दी पहन कर चल पड़ा, ताकि पीड़ित युवकों को लगे की उनका अपहरण नहीं हुआ है, बल्कि पुलिस ने पकड़ा है। जांच में सामने आया है कि पहले भी पीड़ित युवकों को डराकर आरोपियों ने रुपये वसूले थे। ऐसे में दोबारा से अपहरण कर ज्यादा रुपये लेने की योजना बनाई थी।

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