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बिना टिकट दिल्ली से झारखंड, हर चोरी पर 3000; दिल्ली में नाबालिगों से ऐसे चोरी कराते थे मोबाइल

दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक मोबाइल चोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जांच में इसे लेकर हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। रैकेट का कथित मास्टरमाइंड झारखंड के किशोरों को बहला-फुसलाकर राष्ट्रीय राजधानी में भेज देता था, ताकि वे व्यस्त बाजारों में लोगों के महंगे मोबाइल फोन चुरा सकें।

Sneha Baluni नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 9 Jan 2025 09:54 AM
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दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक मोबाइल चोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। जांच में इसे लेकर हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। रैकेट का कथित मास्टरमाइंड झारखंड के किशोरों को बहला-फुसलाकर राष्ट्रीय राजधानी में भेज देता था, ताकि वे व्यस्त बाजारों में लोगों के महंगे मोबाइल फोन चुरा सकें। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन नाबालिगों को हर मोबाइल फोन चुराने पर 3,000 रुपये का लालच दिया जाता था और वे बिना टिकट ट्रेन से दिल्ली आते थे। इसके बाद व्यस्त बाजार के लोगों को अपना निशाना बनाते थे।

टास्क पूरा करके वापस चले जाते थे

पुलिस ने बताया कि अपना 'टास्क' (काम) पूरा करने के बाद, वे चोरी किए गए मोबाइल को अपने हैंडलर, जिसे शिवा के नाम से जाना जाता है, को सौंप देते और फिर झारखंड लौट आते थे। इस वजह से उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता था। डिप्टी पुलिस कमिश्नर राजा बांठिया ने बताया कि यह रैकेट तब सामने आया जब दिल्ली के कमला नगर में एक दुकानदार से आईफोन चुराने के आरोप में 13 साल के एक लड़के को पकड़ा गया।

सीटीटीवी से मिला सुराग

डीसीपी ने कहा, 'घटना 22 दिसंबर को हुई, जब एक महिला कमला नगर मार्केट में खरीदारी कर रही थी। उसने रिपोर्ट दर्ज कराई कि एक नाबालिग लड़के ने उसका मोबाइल फोन चुरा लिया है। रूप नगर पुलिस चौकी में एक डेली डायरी एंट्री दर्ज की गई। इसके बाद आगे की जांच शुरू की गई। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि नाबालिग ने चोरी की है, जो जांच का अहम सुराग था।' इसके बाद पुलिस टीम ने लोकल मुखबिरों को एक्टिव किया और बाजार में विक्रेताओं और हितधारकों को इसकी जानकारी दी।

हर चोरी पर तीन हजार

डीसीपी बांठिया ने बताया कि 5 जनवरी को रूटीन पेट्रोलिंग के दौरान टीम को कमला नगर में स्पार्क मॉल के पास देखे गए संदिग्ध व्यक्ति से मिलते-जुलते एक नाबालिग के बारे में सूचना मिली और उसे पकड़ लिया गया। डीसीपी ने बताया कि पूछताछ के दौरान नाबालिग ने बताया कि वह झारखंड का रहने वाला है और दिल्ली में उसका कोई स्थायी पता नहीं है। उसने बताया कि उसे शिवा नामक व्यक्ति ने भर्ती (रिक्रूट) किया है, जो उसे उसके होमटाउन में मिला था। पुलिस ने बताया कि शिवा ने नाबालिग को हर चोरी के बदले 3,000 रुपये दिए और उसे कई बार मोबाइल फोन चुराने के लिए दिल्ली भेजा।

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