11 साल से दिल्ली में रह रही थी रिया अख्तर, ढाका जाने की कोशिश में खुली पोल; UP से दो 'मददगार' गिरफ्तार
दिल्ली में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ पुलिस ऐक्शन जारी है। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को फर्जी भारतीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली में अवैध तरीके से रहने वाले बांग्लादेशियों के खिलाफ पुलिस ऐक्शन जारी है। गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने एक बांग्लादेशी महिला को फर्जी भारतीय दस्तावेज मुहैया कराने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला 10 साल से भी ज्यादा समय पहले अवैध रूप से देश में दाखिल हुई थी। पुलिस के अनुसार, गौतम बुद्ध नगर के रहने वाले 38 साल के सचिन चौहान और उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के 25 वर्षीय सुष्मिंदरने एक योजना बनाई जिसके तहत महिला को जन्म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड और भारतीय पासपोर्ट सहित फर्जी भारतीय दस्तावेज हासिल करने में मदद मिली।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि 8 जनवरी को रिया सिंह नाम से भारतीय पासपोर्ट लेकर आई एक महिला यात्री ने आईजीआई एयरपोर्ट से ढाका जाने की कोशिश की। नियमित दस्तावेज सत्यापन में विसंगतियां सामने आईं, जिसके बाद उसकी पहचान बांग्लादेशी नागरिक रिया अख्तर के रूप में हुई। उसके पास बांग्लादेशी स्कूल पंजीकरण कार्ड था, जिससे उसकी असली पहचान की पुष्टि हुई। पुलिस ने बताया कि जांच में पता चला कि वह 2014 में पश्चिम बंगाल की सीमा पार करके अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी।
पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि उसने बेहतर काम के अवसर और विदेश यात्रा के लिए भारतीय दस्तावेज मांगे थे। पुलिस उपायुक्त (आईजीआई एयरपोर्ट) उषा रंगनानी ने बताया कि उसने फर्जी दस्तावेज और पासपोर्ट हासिल करने के लिए सचिन चौहान को 2 लाख रुपये देने की बात स्वीकार की है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार एजेंट एक रैकेट चलाते थे।
टिकट बुकिंग और वीजा अरेंजमेंट में अनुभव रखने वाले चौहान ने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज हासिल करने के लिए किया। डीसीपी ने बताया कि उसने अपने सहयोगी सुशमिंदर के साथ मिलकर भारतीय पासपोर्ट हासिल करने के लिए जरूरी फर्जी क्रेडेंशियल्स का इंतजाम किया। सचिन ने कबूल किया कि उसने आसानी से पैसे कमाने के लिए अवैध आव्रजन गतिविधियों में शामिल एजेंटों के साथ काम करना शुरू कर दिया। उसने बांग्लादेशी नागरिक को फर्जी भारतीय पहचान और पासपोर्ट मुहैया कराने के लिए 2 लाख रुपये कैश लिए।