पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, बधावर गैंग के बाप-बेटे गिरफ्तार; दिल्ली में ऐसे फैला रखा था आपराधिक साम्राज्य
दिल्ली पुलिस ने बधावर गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पिता-बेटे को गिरफ्तार किया है। दोनों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी अर्जुन सिंह और उसके बेटे शिवम, दोनों सिरसपुर के जीवन पार्क के निवासी हैं।

दिल्ली पुलिस ने बधावर गिरोह पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पिता-बेटे को गिरफ्तार किया है। दोनों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी अर्जुन सिंह और उसके बेटे शिवम, दोनों सिरसपुर के जीवन पार्क के निवासी हैं, जिन्हें रोहिणी में विशेष मकोका अदालत के सामने आत्मसमर्पण करने के बाद गिरफ्तार किया गया। डिप्टी पुलिस कमिश्नर (बाहरी उत्तर) निधिन वलसन ने बताया कि अदालत ने संगठित आपराधिक गतिविधियों में उनकी कथित संलिप्तता की आगे की जांच के लिए उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस ने बताया कि ये दोनों संजय सिंह उर्फ सोनू और मोहन सिंह उर्फ मोनू के पिता और भाई हैं, जो बधावर गिरोह के प्रमुख नेता हैं। उन्होंने बताया कि सोनू और मोनू दोनों को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। उनपर डकैती, लूट, जबरन वसूली, हत्या के प्रयास और अवैध शराब का व्यापार सहित कई अपराधों में उनकी कथित भूमिका के लिए मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था। डीसीपी वलसन ने कहा, "अर्जुन और शिवम की गिरफ्तारी गिरोह की आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने में एक महत्वपूर्ण घटना है।" उन्होंने कहा कि दोनों के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही के बावजूद वे अबतक गिरफ्तारी से बच रहे थे।
3 अप्रैल, 2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे उनके आत्मसमर्पण का रास्ता साफ हो गया। पुलिस के अनुसार, बधावर गिरोह ने कथित तौर पर सशस्त्र डकैती, जबरन वसूली और अवैध शराब के व्यापार में अपनी संलिप्तता के माध्यम से एक आपराधिक साम्राज्य खड़ा किया हुआ है।
डीसीपी वलसन ने कहा, "मोहन सिंह और उसके भाई संजय सिंह ने बंदूक की नोक पर कई सशस्त्र डकैतियों को अंजाम दिया, जिसमें आम आदमियों और बिजनेसमैन दोनों को निशाना बनाया गया। उन्होंने व्यापारियों और स्थानीय व्यापारियों से प्रोटेक्शन मनी की मांग करते हुए जबरन वसूली का रैकेट भी चलाया और टारगेट हमलों के जरिए अपने प्रतिद्वंद्वियों को खत्म कर दिया।"
पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि गिरोह की आय का मुख्य स्रोत आबकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में अवैध शराब की तस्करी और बिक्री करना था। अपनी जांच के दौरान, पुलिस ने गिरोह से जुड़ी पांच अचल संपत्तियों और 10 वाहनों की पहचान की। अधिकारियों ने कहा कि उनकी जब्ती के लिए कानूनी कार्यवाही चल रही है।