Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi ke retired engineer ko digital arrest kar 10 crore rupees thage 1500 accounts mein bheji gai rakam

दिल्ली में बुजुर्ग को 8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ रुपये ठगे, 1500 खातों में भेजी गई रकम

साइबर अपराधियों ने राजधानी दिल्ली के एक रिटायर्ड इंजीनियर को 8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा ठग लिए। बुजुर्ग को प्रतिबंधित दवाएं देश से बाहर भेजने का डर दिखाकर यह ठगी की गई। दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा इफ्सो इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

Praveen Sharma हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमंत कुमार पांडेयThu, 14 Nov 2024 06:03 AM
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साइबर अपराधियों ने राजधानी दिल्ली के एक रिटायर्ड इंजीनियर को 8 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ रुपये से ज्यादा ठग लिए। बुजुर्ग को प्रतिबंधित दवाएं देश से बाहर भेजने का डर दिखाकर यह ठगी की गई। दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा इफ्सो इस मामले की जांच में जुटी हुई है।

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि रोहिणी में रहने वाले 72 वर्षीय बुजुर्ग को पहले पार्सल का झांसा दिया गया। 29 सितंबर को बुजुर्ग के पास साइबर अपराधियों ने फोन किया। फोन करने वाले ने खुद को पार्सल कंपनी का अधिकारी बताया और कहा कि आपके नाम के पार्सल में प्रतिबंधित दवाएं ताइवान से भेजी जा रही थीं। इस बारे में मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बात करना चाहते हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर ठगों ने बुजुर्ग को स्काइप डाउनलोड करने और वीडियो कॉल पर आने के लिए कहा। फिर ठगों ने बुजुर्ग को डराया और इसी क्रम में परिवार के बारे में जानकारी हासिल कर ली। इसके बाद बेटा-बेटी को भी फंसाने की धमकी देकर उनसे अलग-अलग बैंक खातों में 10.30 करोड़ रुपये जमा करा लिए।

करीब आठ घंटे डिजिटल अरेस्ट होने के बाद पीड़ित कमरे से बाहर आ सके। इसके बाद उन्होंने परिजनों को घटना की जानकारी दी। पीड़ित ने 1 अक्टूबर को पुलिस को शिकायत दी।

विदेश से फोन कर डिजिटल अरेस्ट किया

छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला कि बुजुर्ग के पास कंबोडिया से फोन कर आठ घंटे में ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के मामले में फोन कंबोडिया, फिलीपींस और ताइवान से आ रहे हैं। इन इलाकों में भारतीय मूल के लोग ही फोन कर फंसा रहे हैं।

बेटा-बेटी से भी रुपये मंगाने को कहा : ठगों के निर्देश पर बुजुर्ग ने खुद को कमरे में बंद कर लिया। इसके बाद पीड़ित से बैंक खातों की जानकारी मांगी। ठगों ने अलग-अलग करके बुजुर्ग के बैंक खातों से 10.30 करोड़ रुपये बताए गए बैंक खातों में ऑनलाइन जमा करवाए। पीड़ित ने रुपये जमा कर दिए तब ठगों ने बेटा-बेटी से भी रुपये मंगाने को कहा। इस पर बुजुर्ग को शक हो गया और उन्होंने लैपटॉप बंद कर दिया। करीब आठ घंटे डिजिटल अरेस्ट होने के बाद पीड़ित कमरे से बाहर आए। उन्होंने परिजनों को घटना के बारे में बताया तो उन्हें ठगे जाने का अहसास हुआ। फिर पीड़ित ने 1 अक्टूबर को रोहिणी साइबर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी।

सात बैंक खातों में जमा कराए रुपये : जांच में सामने आया है कि ठगी की रकम को पहले सात अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराया गया। फिर छोटे-छोटे हिस्से में रकम को एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खातों में जमा कराया। इस प्रक्रिया में ठगों ने 15 सौ अलग-अलग बैंक खातों का इस्तेमाल किया। इन बैंक खातों में जमा करीब 60 लाख की रकम फ्रीज कराई गई है। इस रकम का कुछ हिस्सा देश के अलग अलग हिस्सों में निकाला गया है।

बेटा दुबई तो बेटी सिंगापुर में है : जानकारी के अनुसार 72 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ रोहिणी सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। दंपती का बेटा आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद दुबई में कारोबार कर रहा है, जबकि बेटी सिंगापुर में रहती है। वहीं, बुजुर्ग 1972 में रुड़की इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक करने के बाद विभिन्न कंपनियों में बड़े पदों पर रहे। रिटायरमेंट के बाद से वह घर पर रहते हैं।

ऐसे फंसाते हैं आरोपी

डिजिटल अरेस्ट में किसी शख्स को ऑनलाइन माध्यम से डराया जाता है कि वह सरकारी एजेंसी के माध्यम से अरेस्ट हो गया है, उसे जुर्माना देना होगा। डिजिटल अरेस्ट एक ऐसा शब्द है जो कानून में नहीं है।

ठगी से बचने के लिए ये ये सावधानी बरतें...

डिजिटल अरेस्ट का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में सबसे पहले जरूरी यह है कि जागरूक रहें। किसी की धमकी से डरें नहीं। संदिग्ध आईडी से आए ई-मेल में लिंक पर क्लिक नहीं करें। किसी भी मामले में संलिप्तता बताए जाने पर तुरंत उस एजेंसी से संपर्क करें। कॉलर की बात पर विश्वास नहीं करें। कॉलर द्वारा बताए गए किसी भी ऐप को डाउनलोड नहीं करें साथ ही उनसे अपने बैंक खाते, पैन कार्ड, आधार कार्ड सहित अन्य जानकारियां साझा नहीं करें। तुरंत पुलिस को जानकारी दें।

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