Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi High Court orders LG to conduct land demarcation survey across Delhi and decide jurisdiction

LG पूरी दिल्ली में जमीन का सीमांकन सर्वे कराकर अधिकार क्षेत्र तय करें, हाईकोर्ट का आदेश

दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के नजदीक बने एक अवैध होटल ने कई विभागों की पोल खोलकर रख दी है। दिल्ली हाईकोर्ट को सरकारी महकमों की जिम्मेदारी एक-दूसरे के पाले में फेंकने की आदत के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण आदेश देना पड़ा है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकFri, 22 Nov 2024 05:52 AM
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दिल्ली की हजरत निजामुद्दीन दरगाह के नजदीक बने एक अवैध होटल ने कई विभागों की पोल खोलकर रख दी है। दिल्ली हाईकोर्ट को सरकारी महकमों की जिम्मेदारी एक-दूसरे के पाले में फेंकने की आदत के मद्देनजर एक महत्वपूर्ण आदेश देना पड़ा है। हाईकोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल से पूरी दिल्ली के सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाने को कहा है, जिससे कि डीडीए, एमसीडी और अन्य विभागों की जमीन के अधिकार क्षेत्र का सीमांकन सुनिश्चित किया जा सके। चीफ जस्टिस मनमोहन एवं जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि उपराज्यपाल पूरी दिल्ली के सर्वेक्षण का दायरा बढ़ाने पर विचार करें।

नगर निगम द्वारा सील होटल की बिक्री हो गई

याचिकाकर्ता ने दरगाह के नजदीक दो मंजिला होटल के अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायत तीन नवंबर 2023 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से की थी। एएसआई ने तत्काल इस होटल के निर्माण कार्य पर रोक का नोटिस जारी किया। एमसीडी ने दो मंजिला भवन को सील कर दिया, लेकिन इसके बावजूद इस होटल में तीसरी, चौथी और पांचवी मंजिल का निर्माण हो गया। हाईकोर्ट के समक्ष यह जनहित याचिका सामने आने पर चौंकाने वाला तथ्य पता चला कि पहले मालिक ने एमसीडी द्वारा होटल को सील करने के बावजूद इसे दूसरे व्यक्ति को बेच दिया था, जिसने तीन अतिरिक्त मंजिल का निर्माण जारी रखा।

वक्फ बोर्ड का दावा भूमि कब्रिस्तान और मकबरे की

वक्फ बोर्ड ने इस जमीन पर अपना दावा किया है। वक्फ बोर्ड का कहना था कि यह जमीन उसके अधिकार क्षेत्र में आती है। यह कब्रिस्तान और मकबरे की जमीन है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यहां कोई मकबरा या कब्रिस्तान नहीं है बल्कि यहां होटल बना हुआ था। छानबीन के दौरान पता चला कि यह जमीन डीडीए की है। डीडीए और निगम इस मामले में एक-दूसरे की जमीन होने की बात कह रहे थे।

सीबीआई को जांच की जिम्मेदारी सौंपी

इस मामले की सुनवाई के दौरान होटल मालिक ने याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया कि वह आदतन इस तरह के मामले उठाता रहता है। वह इस तरह की जमीन पर अवैध निर्माण के नाम पर लोगों से अवैध वसूली करता है। बेंच ने इस मामले में तमाम तरह की उलझनों को देखते हुए मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने इस मामले में एमसीडी के कई इंजीनियरों, होटल मालिक और याचिकाकर्ता के खिलाफ अहम साक्ष्य बेंच के समक्ष पेश किए हैं। बेंच ने सीबीआई से कहा है कि वह जांच पूरी कर इस मामले की अगली तारीख पर इनके खिलाफ मुकदमा तैयार कर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट पेश करे।

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