चांदनी चौक की हालत पर दिल्ली हाईकोर्ट हैरान, अफसरों को दिए ‘अवैध गतिविधियां’ हटाने के निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अधिकारियों को चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना और उसके आसपास के क्षेत्रों में खामियों और अवैध गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने संबंधित डीसीपी और डीसी को अगली सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर रहने के निर्देश दिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को अधिकारियों को चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना और उसके आसपास के क्षेत्रों में खामियों और अवैध गतिविधियों को हटाने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि प्रथम दृष्टया, क्षेत्र में अवैध गतिविधियों और खामियों पर ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें एमसीडी और दिल्ली पुलिस द्वारा कानून के अनुसार जितना जल्दी हो सके हटाया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने संबंधित डीसीपी और डीसी को अगली सुनवाई की तारीख पर व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर रहने के निर्देश दिए।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, हाईकोर्ट चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल द्वारा दायर जनहित याचिका पर विचार कर रहा था। याचिका में दिल्ली के अफसरों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने की मांग की गई थी कि चांदनी चौक क्षेत्र में सभी खामियों और अवैध गतिविधियों को समयबद्ध तरीके से हटाया जाए।
याचिकाकर्ता सर्व व्यापार मंडल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील संजीव रल्ली ने कहा कि चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना का क्षेत्र एमसीडी, दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस सहित अधिकारियों द्वारा पूरी तरह से उपेक्षित रहा है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति से आम जनता और खास तौर पर चांदनी चौक आने वाले लोगों और वहां काम करने वाले लोगों को असुविधा हो रही है।
यह दलील दी गई कि दिल्ली के अफसरों की लापरवाही के कारण चांदनी चौक रोड और आसपास के इलाकों की सफाई और रखरखाव में काफी गिरावट आ रही है।
वकील ने यह भी दलील दी कि चांदनी चौक की मुख्य सड़क पर नशेड़ी और आवारा लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। साथ ही रखरखाव करने वाली एजेंसी का कॉन्ट्रैक्ट बिना किसी व्यवस्था के खत्म हो गया है, जिससे इलाके की स्थिति खराब हो गई है।
यह भी दलील दी गई कि नो वेंडिंग जोन में फेरीवालों आदि द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को अधिकारियों ने अनियंत्रित छोड़ दिया है। बेंच ने इसे ‘चौंकाने वाली स्थिति’ बताते हुए अफसरों द्वारा चांदनी चौक इलाके के रखरखाव पर सवाल उठाए।
चीफ जस्टिस मनमोहन ने टिप्पणी की कि इलाके में सब कुछ टूटा हुआ है और हर जगह गंदगी और कचरा पड़ा हुआ है, उन्होंने कहा कि अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं।
बेंच ने एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी), दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस को दो सप्ताह के भीतर मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
हाईकोर्ट ने संबंधित डीसीपी और क्षेत्र के डीसी को अगली सुनवाई की तारीख 9 जनवरी, 2025 को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने के लिए भी तलब किया।