Hindi Newsएनसीआर न्यूज़delhi high court decision in brother-sister case, siblings also have legal right to support each other in difficult time

भाई-बहन को भी मुश्किल में एक-दूसरे का साथ देने का कानूनी हक, दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन बहनों को अपने बीमार भाई से मिलने देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि मां-बांप, औलाद और पति-पत्नी के संबंधों की तरह ही भाई-बहन को एक-दूसरे का हालचाल पता करने व मुश्किल में साथ देने का कानूनी हक है। इसे रोका नहीं जा सकता।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हेमलता कौशिकTue, 11 Feb 2025 06:55 AM
share Share
Follow Us on
भाई-बहन को भी मुश्किल में एक-दूसरे का साथ देने का कानूनी हक, दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने तीन बहनों को 58 वर्षीय बीमार भाई से मिलने देने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि माता-पिता, औलाद और पति-पत्नी के संबंधों की तरह ही भाई-बहन को एक-दूसरे का हालचाल पता करने व मुश्किल में साथ देने का कानूनी हक है। इसे रोका नहीं जा सकता।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच ने अपने आदेश में कहा है कि यहां तीन बहनें अपने भाई के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि उनकी भाभी और भतीजा उनके भाई को पागल घोषित करना चाहते हैं, इसलिए उन्हें उनके भाई से मिलने नहीं दिया जा रहा है। इस मामले में पीड़ित की मां ने भी बेटे से मिलने की इच्छा जाहिर की है। वहीं, प्रतिवादी भाभी और भतीजे ने बेंच के समक्ष 58 वर्षीय व्यक्ति की बीमारी से संबंधित दस्तावेज पेश किए, जिसके हिसाब से पीड़ित विमहंस अस्पताल में भर्ती है। बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) के निदेशक के नेतृत्व में मेडिकल बोर्ड गठित करने के निर्देश दिए थे।

सप्ताह में दो बार भाई से मिल सकेंगी बहनें : इस मामले में बेंच ने जहां एक तरफ तीनों बहनों को सप्ताह में दो दिन एक-एक घंटे के लिए मिलने की अनुमति दी है, वहीं बहनों को भी चेताया है कि उनकी यह मुलाकात सौहार्दपूर्ण होनी चाहिए। अस्पताल में किसी तरह का हंगामा न हो और ना ही पीड़ित का इलाज प्रभावित नहीं होना चाहिए। बेंच ने कहा कि पीड़ित का बेटा व याचिकाकर्ताओं का भतीजा अपनी बुआओं को पिता के स्वास्थ्य को लेकर जानकारी उपलब्ध कराएगा।

हाईकोर्ट के आदेश पर शख्स की जांच हुई

हाईकोर्ट के आदेश पर पीड़ित की जांच की गई। इहबास के मेडिकल बोर्ड ने हाईकोर्ट के समक्ष रिपोर्ट पेश कर कहा कि व्यक्ति पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया से ग्रस्त है। इसे दो से चार सप्ताह के लिए अस्पताल में भर्ती रखने की जरूरत है। रिपोर्ट के आधार पर बेंच ने पीड़ित का इलाज विमहंस अस्पताल में जारी करने के निर्देश दिए हैं।

डॉक्टर से सीधे भी कर सकती हैं मशविरा

हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता महिलाओं को अपने भतीजे से भाई के इलाज को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है तो विमहंस अस्पताल में पीड़ित का इलाज कर रहे डॉक्टर से ये बहनें भाई के स्वास्थ्य को लेकर बातचीत कर सकती हैं। डॉक्टर को भी निर्देश दिया गया है कि वह पीड़ित की बहनों को उसके स्वास्थ्य को लेकर सही जानकारी उपलब्ध कराएं। 

अगला लेखऐप पर पढ़ें