Hindi Newsएनसीआर न्यूज़delhi hc ask dusu candidates clean defacement then it will allow countuing next day

हम नहीं रोकना चाहते काउंटिंग लेकिन... दिल्ली HC से डूसू को फटकार, कोर्ट ने क्या दिया आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से सख्त लहजे में पूछा कि वह सार्वजनिक स्थानों पर फैली गंदगी को कब साफ करेंगे। चीफ जस्टिस मनमोहन की पीठ ने चुनाव लड़ने वाले दो उम्मीदवारों के वकीलों से कहा, ‘आप सफाई क्यों नहीं करते?’

Sneha Baluni नई दिल्ली। हिन्दुस्तान टाइम्सWed, 9 Oct 2024 02:34 PM
share Share

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों से सख्त लहजे में पूछा कि वह सार्वजनिक स्थानों पर फैली गंदगी को कब साफ करेंगे। कोर्ट का कहना है कि अगर ऐसा हो जाता है तो वह अगले ही दिन मतगणना की अनुमति दे देंगे। बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उनका इरादा मतगणना को रोकने का बिलकुल नहीं है लेकिन सार्वजनिक स्थानों पर लगे सभी पोस्टर्स और स्टीकर्स को हटाना होगा।

चीफ जस्टिस मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने चुनाव लड़ने वाले दो उम्मीदवारों के वकीलों से कहा, 'आप सफाई क्यों नहीं करते? अगर आप सफाई करवा देंगे तो हम (चुनावों की गिनती) होने देंगे। बहुत गंदगी फैली हुई है। कृपया सुनिश्चित करें कि लोग जगह को साफ कर दें। सभी पोस्टर और स्टिकर को हटा दिया जाए। हम अगले ही दिन मतगणना होने देंगे। हम नहीं चाहते कि मतदान रोका जाए।' पीठ में शामिल जस्टिस तुषार राव गेडेला ने हालांकि चुनाव के दौरान उम्मीदवारों द्वारा भारी मात्रा में पैसा खर्च किए जाने पर नाराजगी जताई।

उन्होंने कहा कि इसमें छात्रों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार शामिल है। यह आम चुनावों से भी बदतर है। कोर्ट ने पूछा, 'आपने चुनाव में कितना पैसा लगाया? फ्री खाना बांटा जा रहा है। आप लोग क्या कर रहे हैं? आप क्या बन रहे हैं? आज यूनिवर्सिटी लीडरशिप अपने हाथों में नहीं ले रही। आज समस्या यह है कि नेतृत्व की कमी है। बड़ी संख्या में उम्मीदवार लॉ फैकल्टी से हैं। जो छात्र पढ़ रहे हैं, उनका कॉलेज से लगाव होना चाहिए। यह लोकतंत्र का उत्सव है, यह मनी लॉन्ड्रिंग का उत्सव नहीं है। कई बार समाज वास्तविकता से नाता तोड़ लेता है। यह गलत है।'

अदालत चुनाव लड़ चुके दो उम्मीदवारों द्वारा दायर एक एप्लीकेशन पर प्रतिक्रिया दे रही थी, जिसमें कहा गया था कि उन्हें भी इस याचिका में पक्षकार बनाया जाए, जिसमें उन संभावित उम्मीदवारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है जो इस मामले में शामिल थे। अपनी एप्लीकेशन में, कैंपस लॉ सेंटर-2 में उपाध्यक्ष पद और रामजस कॉलेज में सचिव पद के लिए चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों ने कहा कि वे डीयू और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के साथ कॉर्डिनेशन करके परिसर में फैली गंदगी को साफ करेंगे और दीवारों पर फिर से पेंट करवाएंगे।

बता दें कि 26 सितंबर को कोर्ट ने डीयू को 27 सितंबर को होने वाले चुनाव कराने की अनुमति दे दी थी, लेकिन मतगणना पर तब तक के लिए रोक लगा दी थी, जब तक कि पोस्टर, होर्डिंग और दीवार पर लिखे नारों सहित परिसर को गंदा करने वाली सारी सामग्री को हटा नहीं दिया जाता। इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति को उसके पहले जैसे स्वरूप में बहाल नहीं किया जाता। हालांकि पीठ ने चुनाव कराने के यूनिवर्सिटी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था। लेकिन उसने यूनिवर्सिटी से कहा था कि वह एमसीडी, डीएमआरसी सहित सिविक एजेंसियों द्वारा क्षतिग्रस्त संपत्तियों की सफाई पर किए गए खर्च का भुगतान करे और बाद में इसे उम्मीदवारों से वसूले।

अगला लेखऐप पर पढ़ें