दिल्ली में लग्जरी गाड़ियों की चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 1.25 करोड़ के वाहन बरामद
दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि उसने महंगी गाड़ियां उड़ाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। आरोपियों में से एक इस्तियाक पहले भी ऑटो-लिफ्टिंग, चोरी, आर्म्स एक्ट, हत्या के प्रयास और 1 मकोका समेत 95 से अधिक मामलों में शामिल रहा है।
पश्चिमी दिल्ली जिला पुलिस की एएटीएस टीम ने 100 से ज्यादा लग्जरी गाड़ी चोरी करने के आरोप में एक वाहन चोर को गिरफ्तार किया है। आरोपी इश्तियाक उर्फ सूखा के पास से पुलिस ने 1.25 करोड़ रुपये की छह गाड़ी बरामद की हैं। आरोपी जिस कंपनी की गाड़ी चोरी करता था, उसी कंपनी के टूल्स का इस्तेमाल करके लॉक तोड़ता था। इसके बाद डमी चाबी की मदद से गाड़ी चोरी कर फरार हो जाता था। फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर उसके गिरोह की जानकारी जुटा रही है।
कैसे पता की गाड़ियों की लोकेशन
पुलिस उपायुक्त विचित्र वीर ने बताया कि जिले में वाहन चोरी की वारदातें रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इस अभियान के तहत एएटीएस इंचार्ज मनीष चौधरी की टीम वाहन चोरी के मामले की जांच कर रही थी। पुलिस टीम ने स्मार्ट मॉनिटरिंग टूल्स के जरिए एनपीआर कैमरों की मदद से चोरी की गाड़ियों की लोकेशन ढूंढी।
शालीमार बाग से पकड़ा आरोपी
एएसआई दशरथ ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से लोकेशन को पुख्ता कर शालीमार बाग में ट्रेप लगाकर आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी मूलत: मेरठ का रहने वाला है और वर्तमान में गाजियाबाद में रहता है। अपराध की दुनिया में आरोपी को कई उपनाम दिए गए हैं। जिस समय पुलिस ने उसे पकड़ा वह नारायणा इलाके से चोरी लग्जरी गाड़ी में सवार था।
दो किलोमीटर तक पीछा किया
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि इंस्पेक्टर मनीष की टीम ने आरोपी की गाड़ी के सामने गाड़ी लगाकर उसे रोका का प्रयास किया, लेकिन वह कट मार कर भागने में सफल हो गया, जिसके बाद पुलिस टीम ने आरोपी का दो किलोमीटर तक पीछा कर दबोच लिया। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह केवल लग्जरी गाड़ी चोरी करता था। अपने साथियों से इंटरनेट कॉलिंग के जरिए सम्पर्क में रहता था। उसके साथी जिस लग्जरी गाड़ी को चोरी करने का आर्डर देते थे वह उस कम्पनी के औजार जुटाता और फिर गाड़ी का ताला तोड़ कर डमी चाबी की मदद से चोरी कर फरार हो जाता था।
आरोपी पर 95 केस दर्ज
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपी पर पहले 95 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 80 केवल वाहन चोरी के हैं। बाकी 15 मामले आर्म्स एक्ट, ठगी और गंभीर धारा में दर्ज अपराध के हैं। आरोपी पर पुलिस ने मकोका भी लगाया हुआ है। पुलिस की जांच में समाने आया कि आरोपी ने 2003 में पहली बार कार से म्यूजिक सिस्टम चोरी किया था। जिसके बाद उसने अपने दोस्त वसीम और सिकंदर के साथ मिलकर गिरोह बनाया और वाहन चोरी करने लगा।