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अगर हम AAP के साथ बने रहते तो कहीं भी नजर नहीं आते, दिल्ली में गठबंधन तोड़ने पर क्या बोले देवेंद्र यादव

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव भी हमें अपने बूते लड़ना चाहिए था। उसके नतीजे आने के साथ ही अकेले लड़ने का फैसला कर लिया गया। गठबंधन से अलग होने का नतीजा है कि हम एक मजबूत स्थिति में आए हैं

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानSun, 19 Jan 2025 07:05 AM
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दिल्ली के पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल सकी है, इसलिए इस बार पार्टी का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। पार्टी ने पहले तो सभी सीटों पर मजबूत उम्मीदवारों की घोषणा की और फिर अपनी गारंटी स्कीमों के जरिये लोगों का ध्यान खींचा है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव पार्टी को नेतृत्व देने के साथ-साथ खुद भी बादली सीट से मैदान में उतरे हैं। चुनाव की संभावना, रणनीति और पार्टी की उम्मीदों को लेकर ‘हिन्दुस्तान’ के प्रमुख संवाददाता संजय कुशवाहा ने शनिवार को उनसे लंबी बात की। पेश हैं प्रमुख अंश...

● आपको दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाले एक साल भी नहीं हुआ है। आपके सामने यह दूसरा चुनाव है। इस चुनौती को कैसे देखते हैं?

- लोकसभा चुनाव के समय एक खास परिस्थिति में पार्टी ने जिम्मेदारी दी। उस समय पंजाब का भी प्रभार था। प्रत्याशी पहले ही तय हो चुके थे। इसलिए बहुत ज्यादा करने की गुंजाइश नहीं थी। फिर भी समय का बेहतर इस्तेमाल किया गया, लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए हमने अपने संगठन को बेहतर किया है। लोगों तक अपनी पहुंच बढ़ाई है।

● लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन था। अब आप उसी के खिलाफ सामने हैं?

- लोकसभा चुनाव भी हमें अपने बूते लड़ना चाहिए था। उसके नतीजे आने के साथ ही अकेले लड़ने का फैसला कर लिया गया। गठबंधन से अलग होने का नतीजा है कि हम एक मजबूत स्थिति में आए हैं। अगर हम आम आदमी पार्टी के साथ बने रहते तो इस समय कहीं भी नजर नहीं आते।

● इस चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी ने क्या कोई सर्वे कराया है?

- चुनाव को लेकर पार्टी लगातार सर्वे करा रही है। इससे संबंधित इनपुट भी मिलते रहे हैं और इसी अनुसार पार्टी कदम भी उठा रही है। प्रत्याशियों की घोषणा से पहले भी पार्टी ने सर्वे कराया था। इसी के चलते पार्टी आज पहले से बेहतर स्थिति में खड़ी है।

● भाजपा-आप दावा कर रही हैं कि मुकाबला उनके बीच है और कांग्रेस मुकाबले से बाहर है?

- कौन मुकाबले में है, यह तो जनता तय करेगी। इन दोनों पार्टियों ने दिल्ली की जनता के साथ जो व्यवहार किया है, उससे परेशान होकर लोगों ने यह तय किया है कि जिसने पहले दिल्ली को बनाया था, अब उसी पर भरोसा करेंगे। लोगों की उम्मीद कांग्रेस से जुड़ी है।

● आप खुद भी बादली विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर क्या स्थिति लग रही है?

- बादली विधानसभा मेरा घर है। यहां से मुझे हमेशा ही प्यार मिला है। पिछले दो चुनावों में एक आंधी आई थी, लेकिन इस आंधी में भी बादली के लोगों ने मुझे अपना प्यार दिया। इससे पहले अपने विधायक रहने के दौरान मैंने यहां पर विकास के बहुत सारे काम किए।

● इस चुनाव में मुफ्त योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है, इस पर क्या सोचते हैं?

- सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना भी सरकार की जिम्मेदारी है। दस सालों में मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ी है। महिलाओं के लिए रसोई चलाना मुश्किल हो गया है। यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि रसोई का चलना सुनिश्चित करे। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने सभी महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा किया है। 500 रुपये में सिलेंडर और राशन किट दिया जाएगा। 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी।

देवेन्द्र यादव ने कहा, ''भाजपा धर्म की राजनीति से बाहर नहीं निकल रही। उसके समय में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ी। वहीं, जन लोकपाल और भ्रष्टाचार के नारे पर सत्ता में आने वाली आम आदमी पार्टी की आधी लीडरशिप जेल जा चुकी है। सड़कें जाम हैं। गलियों में कूड़ा और गंदगी है। प्रदूषण चरम पर है।''

जानबूझकर ध्यान भटका रहे

दिल्ली कांग्रेस ने आप और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हमले के आरोप पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि सत्ता की भूख में दोनों पार्टियां गाली-गलौज से आगे बढ़कर गाड़ी चढ़ाने और पथराव जैसी शर्मनाक हरकतें कर रही हैं। यह एक प्रकार का नियोजित षड्यंत्र है।

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