Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Congress will put all its strength in delhi assembly election without worrying about division of anti-BJP votes

BJP विरोधी वोट में बंटवारे की टेंशन लिए बिना दिल्ली में पूरा दम लगाने जा रही है कांग्रेस

दिल्ली में राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) का हिस्सा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कोई रियायत बरतने के लिए तैयार नहीं है।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। हिन्दुस्तानSat, 4 Jan 2025 06:55 AM
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दिल्ली में राजनीतिक घमासान तेज होता जा रहा है। इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) का हिस्सा होने के बावजूद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कोई रियायत बरतने के लिए तैयार नहीं है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी ताकत झोंकने की तैयारी कर रही है, ताकि चुनाव में आम आदमी पार्टी को घेरा जा सके।

दिल्ली में कांग्रेस के सामने अपनी खोई हुई जमीन तलाशने की चुनौती है। पार्टी जहां पूरी आक्रामकता के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, वहीं पार्टी प्रदेश कांग्रेस के तमाम बड़े चेहरों को मैदान में उतारने का मंसूबा बना रही है। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी का लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं तक पहुंचकर उनका समर्थन हासिल करना है।

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पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस लगातार कमजोर हुई पिछले कुछ चुनावों में कांग्रेस दिल्ली में लगातार कमजोर हुई है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी का वोट प्रतिशत कम हुआ है। वर्ष 2013 में 24.6 फीसदी वोट हासिल करने वाली पार्टी को वर्ष 2020 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 4.26 प्रतिशत वोट मिले। इसी तरह, वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को वर्ष 2019 के मुकाबले करीब पौने चार फीसदी वोट प्रतिशत का नुकसान हुआ।

लोकसभा चुनाव में भी नुकसान उठाना पड़ा

हालांकि, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन में वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। पर गठबंधन से जहां कांग्रेस को नुकसान हुआ, वहीं आप पार्टी अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने में सफल रही। प्रदेश नेता मानते हैं कि पार्टी के पास आम आदमी पार्टी के खिलाफ पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। इसलिए, पार्टी ‘आप’ सरकार पर हमलावर है।

‘विरोधी वोट में विभाजन के दबाव में न आए पार्टी’

रणनीतिकार मानते हैं कि कांग्रेस को मजबूती से चुनाव लड़ने से भाजपा विरोधी वोट में विभाजन के दबाव में नहीं आना चाहिए। पार्टी को लोगों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए आक्रामक चुनाव प्रचार करना चाहिए। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में प्रचार के लिए उतरना चाहिए।

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