यीडा की आवासीय प्लॉट योजना में 200 करोड़ की हेराफेरी की PM और CBI से शिकायत, क्या है पूरा मामला
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने यमुना विकास प्राधिकरण की 361 आवासीय भूखंड योजना में 200 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाकर सीबीआई में शिकायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्राधिकरण चेयरमैन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग है।
पूर्वी दिल्ली नगर निगम के पूर्व महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल ने यमुना विकास प्राधिकरण की 361 आवासीय भूखंड योजना में 200 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाकर सीबीआई में शिकायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और प्राधिकरण चेयरमैन से शिकायत कर कार्रवाई की मांग है।
यमुना प्राधिकरण ने 5 जुलाई को प्लॉटों की योजना निकाली थी। इसमें 5 अगस्त तक आवेदन मांगे गए थे, लेकिन प्राधिकरण ने आवेदन की तिथि को 23 अगस्त तक बढ़ा दिया था। अब 10 अक्टूबर को इस योजना का ड्रॉ निकाला जाएगा। पूर्वी दिल्ली के पूर्व महापौर का अरोप है कि यमुना प्राधिकरण ने एक बैंक को लाभ पहुंचाने के लिए योजना की तिथि आगे बढ़ाई है। 5 अगस्त तक योजना में 1.08 लाख आवेदन आए थे, लेकिन 23 अगस्त तक 2 लाख 18 हजार से अधिक आवेदन आ गए। प्राधिकरण ने योजना में प्लॉटों की संख्या बढ़ाने का भी दावा किया था, लेकिन प्लॉट नहीं बढ़ाए। बताया कि अधिकांश आवेदकों ने लोन लेकर प्लॉट की रजिस्ट्रेशन फीस जमा की है। इससे बैंकों को सीधे 200 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया गया। हालांकि, सीईओ अरुणवीर सिंह का कहना है कि यह आरोप बेबुनियाद हैं। यूपी रेरा का अप्रूवल न मिलने के चलते प्लॉट नहीं बढ़ सके थे। प्राधिकरण ने इसकी जानकारी वेबसाइट पर भी जारी की है।
पहले ही ब्लैकलिस्ट किया जा चुका बैंक
पूर्वी दिल्ली के पूर्व महापौर ने जिस बैंक को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया है, यीडा उसे पूर्व में ब्लैकलिस्ट कर चुका है। प्राधिकरण ने पिछली योजना में आवेदकों की पंजीकरण राशि देर से वापस करने पर बैंक को ब्लैकलिस्ट किया था। आरोप यह भी है कि प्राधिकरण ने फिर से उक्त बैंक को योजना में शामिल किया, सबसे ज्यादा आवेदकों ने उक्त बैंक से ही लोन लिया है।
शिकायतकर्ता और पूर्व महापौर पूर्वी दिल्ली नगर निगम श्याम सुंदर अग्रवाल ने कहा, ''मैंने भी यमुना प्राधिकरण की योजना में 120 वर्गमीटर के प्लॉट के लिए आवेदन किया है। 120 वर्गमीटर के लिए 11232 रुपये ब्याज लिया गया है। मामले की जांच और प्राधिकरण पर कार्रवाई के लिए सीबीआई, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री को शिकायत पत्र दिया है।''