एक पॉपअप मैसेज और कंप्यूटर हैक, विदेशी नागरिकों से ठगी करने वाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़
जानकारी के मुताबिक आरोपी अमेरिका और यूरोप के लोगों को ऑनलाइन तकनीकी सहायता देने के नाम पर उनसे रुपये ऐंठते थे।
साइबर पुलिस ने गुरुग्राम के सोहना की एक सोसाइटी में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। मौके से चार महिलाओं सहित 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ज्यादातर आरोपी पश्चिम बंगाल, मणिपुर, नागालैंड और नेपाल के मूल निवासी हैं। आरोपी अमेरिका और यूरोप के लोगों को ऑनलाइन तकनीकी सहायता देने के नाम पर उनसे रुपये ऐंठते थे। एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि सोहना के सेक्टर-33 स्थित फ्लोरा एवेन्यू सोसाइटी के तीन फ्लैट में फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी मिली थी। इसके बाद इंस्पेक्टर मदन लाल के नेतृत्व में साइबर क्राइम दक्षिण पुलिस स्टेशन की टीम ने शुक्रवार को सोसाइटी के ए ब्लॉक के फ्लैट नंबर 20, 21 और 22 में छापेमारी की। इस दौरान वहां मौजूद पुरुष और महिलाएं लैपटॉप और मोबाइल पर व्यस्त मिले। उनमें से अधिकांश लोग हेडफोन का उपयोग कर अंग्रेजी में बात कर रहे थे।
वे लोग दूरसंचार विभाग का कोई वैध ओएसपी लाइसेंस या अपने काम से संबंधित करारनामा नहीं दिखा सके। पुलिस ने साइबर ठगी के आरोप में मौजूद सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान पश्चिम बंगाल के आशीष ओझा, मिनलुन, विखोमबोउ, अबोर अमोनमई, लबोई हाओकिप, अथिहारी लोहरी, मिनबेटे, मणिपुर और नागालैंड के अचेले, विदानवांग, नामचुम्बो, माओबे संगतम, मिजोरम के लालबिकजुआली, जम्मू-कश्मीर की श्रिया और पलक, गुजरात के महेंद्र बजरंग सिंह, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के मनीष कुमार, दिल्ली के मोनू कुमार, नेपाल के रमेश गुरुंग, विनोद शर्मा और शिव बहादुर के रूप में की गई। आरोपियों से 25 मोबाइल फोन, 16 लैपटॉप और 50 हजार रुपये बरामद हुए हैं।
नेटवर्क के बारे में पता लगाया जाएगा
जांच अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ में पूरे नेटवर्क के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। इसके अलावा बैंक खाते,मोबाइल और लैपटॉप को भी लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। वहां से रिपोर्ट आने पर पूरी जानकारी मिलेगी। अब तक कितने लोगों से ठगी कर चुके हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जाएगी।
ऐप डाउनलोड करवाकर कंप्यूटर हैक कर लेते
एसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि आरोपी किराए पर फ्लैट लेकर मई महीने से कॉल सेंटर चला रहे थे। आरोपी अमेरिका और यूरोप के लोगों को ब्लॉक वॉयस मेल से मैसेज का पॉपअप भेजते। पॉपअप में एक टोल फ्री नंबर होता। पॉपअप पर क्लिक करते ही कंप्यूटर काम करना बंद कर देता। परेशान लोग टोल फ्री नंबर पर फोन कर मदद मांगते। आरोपी मदद के बहाने डायलर और एक्स-लाइट ऐप डाउनलोड करवाकर उनके कंप्यूटर का एक्सस ले लेते हैं और बोलते कि उनका कंप्यूटर हैक हो गया है। खराबी दूर करने के लिए प्रति व्यक्ति 100 से 500 डॉलर तक वसूली करते है। वह विदेशी नागरिकों से गिफ्ट कार्ड खरीदवाते। उसका बारकोड लेकर विदेश में बैठे साथी से साझा करते हैं। फिर बारकोड को क्रिप्टोकरंसी में ट्रांसफर करवा लेते।
इस साल नौ फर्जी कॉल सेंटर पकड़े
एसीपी प्रियांशु दीवान ने बताया कि कॉल सेंटर का मैनेजर महेंद्र बजरंग सिंह रोजाना वहां काम करने वाले कर्मचारियों को ठगी के लिए टास्क देता था। एक-ण्क कर्मचारी रोज 50 से 100 लोगों को पॉपअप भेजता और फिर उनसे बात करता था। ये लोग अब तक हजारों लोगों से ठगी कर चुके हैं। हालांकि, गिरोह का सरगना पकड़ा नहीं जा सका है। इस साल गुरुग्राम साइबर पुलिस ने नौ फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है।