राम-लक्ष्मण को अलग करने की कोशिश हुई, ‘जनता की अदालत’ में BJP पर बरसे मनीष सिसोदिया
अरविंंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगाई गई ‘जनता की अदालत’ (Janta Ki Adalat) के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।
अरविंंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली के जंतर-मंतर पर लगाई गई ‘जनता की अदालत’ (Janta Ki Adalat) के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जेल में भाजपा ने मुझे अरविंद केजरीवाल से अलग करने के लिए तमाम धमकियां और लालच दिलवाए, लेकिन मैंने उसका संदेश लेकर आने वालों को जवाब दिया कि दुनिया के किसी रावण में इतनी ताकत नहीं है, जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके। जब तक केजरीवाल तानाशाही के रावण के खिलाफ राम बनकर यह लड़ाई लड़ते रहेंगे, तब तक मैं लक्ष्मण बनकर इनके साथ खड़ा रहूंगा।
सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली के लोग बहुत खुश हैं कि केजरीवाल जेल से बाहर हैं, लेकिन इस बात से दुखी भी हैं कि अब वह दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं हैं। दिल्लीवालों को यह यकीन है कि अगले तीन-चार महीने बाद दोबारा अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। भाजपा ने क्या-क्या साजिश नहीं की थी, मेरी हालत ऐसी कर दी कि मुझे बेटे की फीस के लिए लोगों के सामने हाथ फैलाना पड़ा। मेरे बैंक खाते सील कर दिए थे।
सम्मान लेने का खेल : सिसोदिया के बयान पर भाजपा प्रदेशध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि रामलीला नजदीक आने लगी तो मनीष सिसोदिया केजरीवाल को अपना राम बता कर लक्ष्मण बनने का सम्मान लेने का खेल खेल रहें हैं।
‘जनता कहेगी तो शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा’
सिसोदिया ने केजरीवाल की तुलना श्रीराम से करते हुए खुद को लक्ष्मण बताया। उन्होंने कहा कि रामायण में कभी राम-लक्ष्मण अलग होते और दोबारा मिलते तो ऐसे ही मिलते, जैसे बाहर आने के बाद मैं और केजरीवाल मिले। जब हम मिले तो याद किया कि कैसे हमने 26 साल पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की थी। उन्होंने कहा कि हमने लंबी चर्चाएं कि, उसमें केजरीवाल ने कहा कि मैं लांछन लेकर सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। फिर मैंने भी तय किया कि मैं भी जनता की अदालत में जाऊंगा। जनता कहेगी तो शिक्षा मंत्री की कुर्सी पर बैठूंगा।