दिल्ली के CM पद के बाद सिविल लाइंस वाला बंगला भी छोड़ेंगे केजरीवाल? रेनोवेशन पर BJP ने उठाए थे सवाल
अरविंद केजरीवाल 2015 में लगातार दूसरी बार सीएम पद संभालने के बाद से फ्लैगस्टाफ रोड स्थित इस बंगले में रह रहे हैं। 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद वह तिलक लेन स्थित बंगले में रहे, जिसे उन्होंने 49 दिनों के भीतर पद छोड़ने के बाद खाली कर दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। पद छोड़ने के साथ ही कुछ ही हफ्तों में वह सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री का बंगला भी खाली कर देंगे। वह अपनी पत्नी, बच्चों और माता-पिता के साथ यहां रहते हैं। पार्टी सूत्रों ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी।
दिल्ली शराब नीति मामले में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर बाहर आए केजरीवाल ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक में पद छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि चूंकि मामले की सुनवाई पूरी होने में लंबा समय लगने की संभावना है, इसलिए वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए जनता की अदालत में जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “जब तक आप मुझे दोबारा वोट नहीं देंगे, मैं सीएम की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा।”
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि पार्टी चाहती है कि नए मुख्यमंत्री जल्द ही सिविल लाइंस स्थित सीएम आवास आ जाएं। यह बंगला काफी विवाद में रहा था। भाजपा ने 2020-21 में इसके रेनोवेशन की लागत पर सवाल उठाए थे और अनियमितताओं का आरोप लगाया था।
अरविंद केजरीवाल 2015 में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से फ्लैगस्टाफ रोड स्थित इस बंगले में रह रहे हैं। 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद केजरीवाल तिलक लेन स्थित बंगले में रहे, जिसे उन्होंने 49 दिनों के भीतर पद छोड़ने के बाद खाली कर दिया था।
इस्तीफा देने के बाद वे गाजियाबाद के कौशांबी स्थित अपने घर वापस चले गए, जहां वे पहले अपने परिवार के साथ रह रहे थे। यह सरकारी आवास उनकी पत्नी को आवंटित किया गया था, जो उनकी तरह ही आईआरएस अधिकारी थीं। उन्होंने 2016 में वॉलंटियरी रिटायरमेंट ले ली थी।
पार्टी के कई पदाधिकारियों ने केजरीवाल को रहने के लिए जगह ऑफर की है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि केजरीवाल के दिल्ली और अपने निर्वाचन क्षेत्र नई दिल्ली में रहने की संभावना है। पार्टी सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। चूंकि वह एक राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष हैं, इसलिए केजरीवाल को सरकार की तरफ से भी आवास दिया जा सकता है। हालांकि, ऐसा तब होता है जब उस नेता को कोई अन्य सरकारी आवास आवंटित नहीं किया गया हो।
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