प्रवेश वर्मा ने की थी केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग, आ गया चुनाव आयोग का फैसला
नई दिल्ली सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के नामांकन में खामियां बताते हुए रिटर्निंग अधिकारी को शिकायत की थी। उन्होंने तीन खामियां बताते हुए अरविंद केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग की थी।
नई दिल्ली सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के नामांकन में खामियां बताते हुए रिटर्निंग अधिकारी को शिकायत की थी। उन्होंने तीन खामियां बताते हुए अरविंद केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, अब इस पर चुनाव आयोग का फैसला आ गया है। चुनाव आयोग ने अरविंद केजरीवाल का नामांकन स्वीकार कर लिया है।
दिल्ली में 5 फरवरी को सभी 70 सीटों पर होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन का दौर खत्म हो चुका है। शनिवार को स्क्रूटनी भी हो गई। अब 20 जनवरी तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं। स्क्रूटनी के बाद नई दिल्ली सीट पर 9 नामांकन पत्रों को खारिज कर दिया गया, जबकि 31 को स्वीकार किया गया है। सोमवार शाम यह तय होगा कि नई दिल्ली सीट पर कितने उम्मीदवारों के बीच टक्कर होगी। दिल्ली में कुल 1522 नामांकन दाखिल किए गए थे, जिसमें से 1040 को स्वीकार किया गया है जबकि 477 को खारिज कर दिया गया है।
केजरीवाल का नामांकन पत्र सही पाया गया
पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भाजपा प्रत्याशी प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के उम्मीदवार संदीप दीक्षित के फॉर्म को चुनाव आयोग ने जांच के बाद सही पाया और तीनों के नामांकन स्वीकार कर लिए गए हैं। इससे अब तय हो गया है कि नई दिल्ली सीट पर इन तीनों नेताओं के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है।
क्या थी प्रवेश वर्मा की शिकायत
पहले प्रवेश वर्मा ने शुक्रवार को अपने वकील साकेत गुप्ता के माध्यम से नई दिल्ली सीट के रिटर्निंग ऑफिसर के सामने शिकायत दर्ज कराते हुए अरविंद केजरीवाल का नामांकन रद्द करने की मांग की थी। प्रवेश वर्मा की ओर से कहा गया कि अरविंद केजरीवाल ने आय का जो ब्योरा नामांकन पत्र में दिया है उसमें त्रुटि है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल अब भी यूपी के वोटर बने हुए हैं। एक से अधिक जगह से वोटर होना नियम का उल्लंघन है। भाजपा नेता की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ दर्ज केसों की भी पूरी जानकारी नामांकन पत्र में नहीं दी है। उन्होंने इन कथित खामियों के आधार पर नामांकन खारिज करने की मांग की थी।