रेखा गुप्ता में एक बात मैंने देखी...; दिल्ली की नई CM की कांग्रेस नेता ने की तारीफ
11 दिन तक मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली को एक महिला मुख्यमंत्री देने का फैसला किया। रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं।
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11 दिन तक मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली को एक महिला मुख्यमंत्री देने का फैसला किया। रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री चुनी गईं। बुधवार शाम भाजपा प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक के दौरान उनके नाम की घोषणा की गई। रेखा गुप्ता के नाम की घोषणा होते ही जहां उनकी पार्टी और परिवार में जश्न शुरू हो गया तो विपक्षी दलों के नेताओं ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। दिल्ली को एक और महिला सीएम मिलने पर जहां आतिशी मार्लेना ने खुशी जाहिर की तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी उनकी तारीफ की है।
रेखा गुप्ता को सीएम बनाए जाने की घोषणा के तुरंत बाद अलका लांबा ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट की जो वायरल हो गया। अलका लांबा और रेखा गुप्ता की एक साथ यह तस्वीर करीब 30 साल पुरानी है। लांबा ने एक्स पर लिखा, '1995 की यह यादगार तस्वीर- जब मैंने और रेखा गुप्ता ने एक साथ शपथ ग्रहण की थी। मैंने एनएसयूआई से दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की थी और रेखा ने एबीवीपी से महासचिव पद पर जीत हासिल की थी। रेखा गुप्ता को बधाई और शुभकामनाएं। दिल्ली को चौथी महिला मुख्यमंत्री मिलने पर बधाई और हम दिल्ली वाले उम्मीद करते हैं की मां यमुना स्वच्छ होंगी और बेटियां सुरक्षित।'
अलका लांबा ने रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद एक टीवी चैनल से बात करते हुए उनकी तारीफ भी की। इंडिया टुडे के साथ बातचीत में अलका लांबा ने फोन पर बात करते हुए कहा, 'जैसे ही रेखा गुप्ता जी के नाम की घोषणा हुई मैं 30 साल पीछे उन यादों में चली गई, तस्वीरें देखीं। तब ट्विटर-फेसबुक नहीं होते थे, मैंने एल्बम से वह तस्वीर निकाली। यह बहुत यादगार है। मैं अध्यक्ष पद पर शपथ ले रही हूं और वह महासचिव पद जीती थीं एबीवीपी से। हमने साथ चुनाव जीता और एक साल एक ही दफ्तर में काम किया।'
अलका लांबा ने कहा कि रेखा गुप्ता वैचारिक मतभेद के बावजूद मुद्दों पर साथ काम करती थीं और ईमानदारी से निरंतर प्रयास करती हैं। अलका लांबा ने कहा, 'यादगार पल रहे, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना थे और देश के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव थे। हमारे बीच वैचारिक मतभेद थे। वह आरएसएस के लोगों को लाकर लेक्चर कराती थी और मैं गांधीवादी लेक्चर कराती थी। मुद्दों पर बात आती थी तो रेखा गुप्ता की एक खासियत थी, हम दोनों महिलाएं हैं, महिला विशेष (गाड़ी) चलवाना है, महिलाओं के लिए हॉस्टल चाहिए, महिलाओं के लिए कैंपस सुरक्षित हो, मिलकर मदन लाल खुराना जी के पास जाती थी, हम पीवी नरसिम्हा राव जी के सामने सेंट्रल यूनिवर्सिटी के नाते... मुझे वो याद है। वह तस्वीर भी मैं खोज रही हूं मिल जाए, हम दोनों मदनलाल जी के सामने बैठे हैं। अच्छा याद रहा, एक साल बहुत कम होता है, पर रेखा को मैंने देखा कि उसमें एक निरंतर, ईमानदारी से प्रयास करती रहीं।'
लांबा ने कहा, 'रेखा जी के लिए उस समय कैंपस में महिला सुरक्षा... आज भी वही है कि दिल्ली महिलाओं के लिए सुरक्षित हो। यह उम्मीद एक महिला मुख्यमंत्री से की जाती है। एक महिला मुख्यमंत्री से उम्मीद की जाती है। मां यमुना की बात होती है, उम्मीद की जाती है कि मां यमुना स्वच्छ होंगी। मेरी शुभकामनाएं रेखा के साथ हैं, मुझे यकीन है रेखा कर सकती है, यदि उसे करने दिया जाए तो।'