Hindi Newsदेश न्यूज़Wife request to wait for food not provocation Orissa High Court finds man guilty of murder

पति को खाने के लिए इंतजार करने को कहना हत्या के लिए उकसाना नहीं: हाईकोर्ट

  • उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा है कि पत्नी द्वारा भोजन के लिए इंतजार करने को कहना उकसाना नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में पति की याचिका खारिज करते हुए उसे पत्नी की हत्या का दोषी माना है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानWed, 13 Nov 2024 05:06 PM
share Share

उड़ीसा हाईकोर्ट ने हाल ही में एक शख्स की हत्या की सजा को बरकरार रखते हुए कहा है कि पत्नी द्वारा खाने के लिए इंतजार करने को कहना उकसावे की श्रेणी में नहीं आ सकता। शख्स ने अपनी पत्नी पर चाकू से हमला किया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। जस्टिस एसके साहू और चित्तरंजन दास की पीठ ने शख्स के इस स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया है कि उसने पत्नी पर इसलिए हमला किया क्योंकि जब वह खेत में काम करने के बाद भूखा घर लौटा था तो उसने उसे भोजन के लिए इंतजार करने के लिए कहकर मारने के लिए उकसाया था।

शख्स ने कोर्ट से उसकी हत्या की सजा को खारिज करने की अपील की थी। उसने यह तर्क दिया था कि उस पर सिर्फ गैर इरादतन हत्या का आरोप लग सकता है क्योंकि पत्नी ने उसे उस पर हमला करने के लिए उकसाया था। हालांकि कोर्ट ने माना कि अपने भूखे पति को खाने के लिए रुकने को कहना उकसाने के बराबर नहीं माना जा सकता है।

कोर्ट ने क्या कहा?

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, “एक गृहिणी को यह नहीं कहा जा सकता कि उसने अपने भूखे पति को उकसाने के लिए यह कहा है। वह खाना बनाने की प्रक्रिया के दौरान उसे कुछ देर इंतजार करने के लिए कह सकती है। इस मामले में यह स्पष्ट है कि घटना के दिन अचानक ऐसा कुछ नहीं हुआ था जिससे उकसावे की स्थिति पैदा हो और याचिका दायर करने वाला अपना मानसिक संतुलन खो दे और अपनी नाबालिग बेटी के सामने अपनी असहाय पत्नी पर बेरहमी से हमला कर दे।"

बेटी की गवाही के आधार पर सजा

कोर्ट में दायर याचिका में शख्स ने अपील की थी कि जब उसकी पत्नी ने उसे खेतों से लौटने पर भोजन के लिए इंतजार करने के लिए कहा तो उसे गुस्सा आ गया था। अपने गुस्से में उसने एक चाकू लिया और उसकी गर्दन, चेहरे, सिर और कान पर कई हमले किए। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने उसे हत्या के लिए दोषी ठहराया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ट्रायल कोर्ट ने उसे उसकी बेटी की गवाही के आधार पर दोषी पाया जिसने कथित तौर पर अपराध को देखा था। इस फैसले को शख्स ने उड़ीसा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया और उसकी हत्या के लिए सजा को बरकरार रखा।

अगला लेखऐप पर पढ़ें