दिल्ली हाई कोर्ट में क्यों कम हो गए जज? खाली हो गईं 40 फीसदी सीटें; कितनी है संख्या
- दिल्ली हाई कोर्ट में इस समय 60 में से 36 ही जज हैं। मार्च और अप्रैल के महीनों में तीन जजों का ट्रांसफर हुआ है और दो जज रिटायर हो गए हैं। इस साल दो अन्य जजों का भी रिटायरमेंट होना है।

दिल्ली हाई कोर्ट में तीन जजों के ट्रांसफर और दो के रिटायरमेंट के बाद अब 40 फीसदी सीटें खाली हो गई हैं। दिल्ली हाई कोर्ट में अब केवल 36 जजों की संख्या रह गई है। जबकि कोर्ट में कुल 60 जजों की सीटें हैं। इसी साल दो और जज रिटायर होने वाले हैं। जस्टिस धर्मेश शर्मा और शालिंदर कौर के रिटायरमेंट के बाद कुल संख्या 34 ही रह जाएगी।
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर कथित तौर पर भारी मात्रा में कैश मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस भेजने का आदेश दे दिया था। सरकार ने भी इस ट्रांसफर को मंजूरी दे दी। इसके तीन दिन बाद ही कोलेजियम ने जस्टिस डीके शर्मा का कलकत्ता हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया। कोलकाता बार ने इसका कारण पूछा लेकिन कोर्ट की तरफ से कारण स्पष्ट नहीं किया गया।
28 मार्च को केंद्र ने जस्टिस चंद्र धारी सिंह के इलाहाबाद कोर्ट ट्रांसफर को भी मंजूरी दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम ने नवंबर में ही उनके ट्रांसफर की सिफारिश की थी। हालांकि सरकार को मंजूरी देने में चार महीने का वक्त लग गया। मार्च की शुरुआत में ही जस्टिस रेखा पल्ली और जस्टिस अनूम कुमार रिटायर हो गए।
कैसे होती है हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति
हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति संविधान के आर्टिकल 217 और 224 के मुताबिक की जाती है। प्रक्रिया यह है कि सबसे पहले संबंधित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस नियुक्तियों का प्रस्ताव रखते हैं। संभावित वैकेंसी से 6 महीने पहले ही चीफ जस्टिस अपना प्रस्ताव पेश करते हैं। इसके बाद हाई कोर्ट का कोलेजियम कुछ नामों की सिफारिश करता है। इन नामों को सरकार और फिर सुप्रीम कोर्ट के कोलेजियम के पास भेजा जाता है। सुप्रीम कोर्ट का कोलेजियम जिन नामों को मंजूरी देता है, उनकी ही हाई कोर्ट में नियुक्ति होती है।
कानून मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देशभर के 25 हाई कोर्ट में कुल 1122 जजों की पोस्ट हैं जिनमें से 357 पद रिक्त हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट में सबसे ज्यादा वैकेंसी है। वहीं दिल्ली का चौथा नंबर आता है। दिल्ली हाई कोर्ट में 2014 के बाद से 51 जजों की नियुक्तियां हो चुकी हैं। 2015, 2020 और 2024 में कोई नई नियुक्ति नहीं की गई। 2022 में सबसे ज्यादा 17 जजों की नियुक्ति की गई थी।