सेना मुख्यालय से पाकिस्तान की सेना के आत्सममर्पण की तस्वीर ही उतारी गई: प्रियंका गांधी
- Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी ने सेना मुख्यालय से पाकिस्तानी सेना के सरेंडर वाली तस्वीर को सेना मुख्यालय से हटाए जाने के संबंध में सवाल किया। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने जवाब देते हुए कहा कि वह तस्वीर मॉनेक शॉ संग्रहालय में ससम्मान स्थापित कर दी गई है।
सेना मुख्यालय में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की तस्वीर को लेकर सोमवार को लोकसभा में विवाद हो गया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए आत्मसमर्पण की तस्वीर को सेना मुख्यालय से हटा दिया गया है। प्रियंका के इस सवाल पर कांग्रेसी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में इस सवाल का जवाब केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिया। उन्होंने कहा कि वह तस्वीर सेना मुख्यालय की जगह अब मानेक शॉ संग्रहालय में ससम्मान स्थापित कर दी गई है।
केरल के वायनाड से संसद सदस्य प्रियंका गांधी ने शू्न्यकाल के दौरान बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाया और सरकार से इसके बारे में जानकारी मांगी। इसी दौरान उन्होंने उस तस्वीर का भी जिक्र किया। हालांकि प्रियंका इसके बाद भी अपनी बात को जारी रखना चाहती थीं लेकिन स्पीकर की तरफ से उन्हें अनुमति नहीं मिली। प्रियंका को बोलने की अनुमति न मिलती देख कांग्रेसी सांसदों ने नारेबाजी शुरू कर दी।
प्रियंका को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि शून्यकाल के दौरान माननीय सदस्य ने एक सवाल पूछा था। उन्होंने पूछा की रक्षा मंत्रालय में जो तस्वीर लगी थी, वह कहां गई। मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि उस तस्वीर को उसके उचित स्थान, मानेक शॉ संग्रहालय में पूरे सम्मान के साथ स्थापित कर दिया गया है। शेखावत ने कहा कि संसद सदस्यों को भारत की सेना के शौर्य से जुड़े विषय पर राजनीतिक टिप्पणी करने से बचना चाहिए।
पाकिस्तानी सेना के सरेंडर करने की यह तस्वीर 1971 की है, जब पाकिस्तानी सेना के हजारों सिपाहियों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था। इस तस्वीर में पाकिस्तानी सेना के जनरल भारतीय सेना के अधिकारियों के सामने समर्पण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते नजर आ रहे हैं। भारतीय सेना के सामने घुटने टेकने के बाद पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश के रूप में एक आजाद मुल्क बना। पाकिस्तानी सैनिक भारत में युद्ध बंधी के रूप में रहे। बाद में एक समझौते के तहत भारत ने यह पाकिस्तानी सैनिक पाकिस्तान को सौंप दिए। इस समय इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं।