कंगना की इमरजेंसी को नहीं मिली तुरंत राहत, 18 सितंबर से पहले नहीं हो पाएगी रिलीज
- बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को निर्देश दिया कि वह इमरजेंसी से संबंधित सभी आवदनों पर निर्णय ले और 18 सितंबर तक फिल्म को प्रमाण पत्र प्रदान करे। आपको बता दें कि पहले फिल्म शुक्रवार यानी 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी।
कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को तुरंत राहत देने से बॉम्बे हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया है कि वह फिल्म को लेकर पेश की गईं आपत्तियों पर विचार करे और 18 सितंबर तक सर्टिफिकेट जारी करे। अदालत के इस आदेश के बाद यह तो तय हो गया है कि फिल्म की रिलीज कम-से-कम दो सप्ताह के लिए टल जाएगी। पहले फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी थी। इस आदेश के बाद कंगना ने कहा कि अदालत का यह कहना कि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश नहीं आया होता तो सेंसर बोर्ड को आज ही सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश देते, बता रहा है कि उसे फटकार लगी है।
इसके साथ ही अदालत ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस निर्देश पर कोई भी आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिसमें सेंसर बोर्ड को फिल्म के सर्टिफिकेशन से पहले आपत्तियों पर विचार करने का निर्देश दिया गया था। फिल्म की निर्माता कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज ने याचिका दायर कर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को कंगना रनौत निर्देशित फिल्म 'इमरजेंसी' के लिए प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। याचिका में दावा किया गया था कि सेंसर बोर्ड के पास प्रमाणपत्र तैयार है, लेकिन फिल्म की रिलीज के बाद कानून और व्यवस्था के बिगड़ने की आशंका पर वह इसे जारी नहीं कर रहा।
इस वजह से नहीं मिली राहत
जस्टिस बी पी कोलाबावाला और जस्टिस फिरदौस पूनीवाला की बेंच ने बुधवार को निर्माता की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि प्रमाणपत्र तैयार है, लेकिन जारी नहीं किया गया। बेंच ने कहा कि जब फिल्म के निर्माताओं को एक बार ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया तो सीबीएफसी का यह तर्क सही नहीं है कि प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया क्योंकि उस पर अध्यक्ष के हस्ताक्षर नहीं थे। हालांकि, अदालत ने कहा कि अगर एमपी हाई कोर्ट का आदेश नहीं होता तो वह बुधवार को ही सीबीएफसी को सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश देती।
फिल्म में कंगना ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभाई है। यह फिल्म विवादों में घिर गई है क्योंकि शिरोमणि अकाली दल सहित सिख संगठनों का आरोप है कि इसमें सिख समुदाय को तथा ऐतिहासिक तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया गया है।
कंगना ने कहा- सेंसर बोर्ड को फटकार लगी
आदेश के बाद कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, 'इमरजेंसी का सर्टिफिकेट गैर-कानूनी तरीके से रोकने पर हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि अगर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का आदेश नहीं होता तो हम सेंसर बोर्ड को आज ही सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश देते। मुझे पता है कि पर्दे के पीछे से कुछ चल रहा है, लेकिन मैं उस पर बोलना नहीं चाहता।'