जब Chandrayaan ने चांद पर की क्रैश लैंडिंग और भारत ने मनाया जश्न, 16 साल पुराना मिशन
- 14 नवंबर को चंद्रयान-1 ने चांद पर क्रैश लैंडिंग की थी, जिसके बाद भारत ने जमकर जश्न मनाया था। इसी मिशन में भारत ने चांद पर पानी की खोज की थी। इस अभूतपूर्व खोज के बूते भारत ने पहली बार दुनिया को अपनी अंतरिक्ष ताकत दिखाई।
आज का दिन भारत के लिए बहुत खास है। 14 नवंबर के दिन भारतीय अंतरिक्ष केंद्र इसरो ने चांद पर पहली सफलता पाई थी। आज भारत चंद्रयान-3 की अपार सफलता के बाद चंद्रयान-4 की तैयारी कर रहा है, लेकिन चांद पर पहले मिशन की शुरुआत 16 साल पहले रखी गई थी। 16 साल पहले 14 नवंबर को चंद्रयान-1 ने चांद पर क्रैश लैंडिंग की थी, जिसके बाद भारत ने जमकर जश्न मनाया था। इसरो ने चंद्रयान-1 को इसी तरह डिजाइन किया था कि वो चांद पर क्रैश लैंडिंग करे। इसी मिशन में भारत ने चांद पर पानी की खोज की थी। इस अभूतपूर्व खोज के बूते भारत ने पहली बार दुनिया को अपनी अंतरिक्ष ताकत दिखाई।
14 नवम्बर 2008 को भारत के प्रथम चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक कदम रखकर इतिहास रच दिया था। चंद्रयान-1 मिशन का एक महत्वपूर्ण घटक चंद्रमा की सतह पर क्रैश-लैंडिंग (मून इम्पैक्ट प्रोब) के लिए डिज़ाइन किया गया था। यह भारत के लिए न केवल एक तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि चंद्रमा की संरचना के बारे में महत्वपूर्ण डेटा एकत्र करने के लिए एक रणनीतिक कदम भी था।
यान का सफलतापूर्वक चांद पर क्रैश लैंडिंग करना और उसका पृथ्वी की सतह पर प्रभाव डालना इसरो और पूरे देश के लिए गौरव का क्षण था। आज भारत न सिर्फ अपना अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, बल्कि आगामी दिसंबर महीने में दो उपग्रहों को अंतरिक्ष में जोड़कर दिग्गज देशों की बराबरी करने जा रहा है।
चंद्रयान-1 मिशन से क्या हासिल हुआ
चंद्रयान-1 मिशन के दौरान एकत्र किए गए डेटा ने चंद्रमा के वातावरण के बारे में मूल्यवान जानकारी प्रदान की, जिससे पृथ्वी के इस उपग्रह पर पानी की मौजूदगी की पुष्टि करने में मदद मिली। मून इम्पैक्ट प्रोब की सफलता ने भारत के बाद के चंद्र मिशनों की नींव रखी, जिसमें चंद्रयान-2 और हाल ही में चंद्रयान-3 की सफलता शामिल है। चंद्रयान-3 मिशन में भारत ने यान को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिग करके इतिहास रच दिया। भारत ऐसा करने वाला पहला देश है। इस मिशन ने जटिल अंतरिक्ष मिशनों को डिजाइन करने, लॉन्च करने और संचालित करने की इसरो की क्षमता को प्रदर्शित किया।
भारत आज इस उपलब्धि का जश्न मना रहा है। इसरो ने इस मौके पर चंद्रयान-1 मिशन से जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है। मिशन की सफलता ने राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाया और दुनिया के सामने भारत ने अपनी अंतरिक्ष क्षमता का लोहा माना।