Hindi Newsदेश न्यूज़What will DY Chandrachud will do after retiring from Chief Justice of india know plan

मुख्य न्यायाधीश के पद से रिटायर होने के बाद क्या करेंगे? डीवाई चंद्रचूड़ ने खुद बताया अपना प्लान

  • चंद्रचूड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि रिटायर जजों के लिए ये भूमिकाएं संसद द्वारा स्थापित की गई हैं। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि जजों पर सवाल उठाए जाएं या उनकी आलोचना की जाए।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 10 Nov 2024 11:39 AM
share Share

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) 10 नवंबर को अपने पद से रिटायर हो गए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष पद से रिटायर होने से पहले 'बुलडोजर जस्टिस' पर अपना अंतिम आदेश सुनाया। उन्होंने राज्य सरकारों के गैरकानूनी तरीके से संपत्ति ध्वस्त करने की प्रथा पर सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की। वहीं, चंद्रचूड़ के रिटायर होने के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि उनका पोस्ट-रिटायरमेंट जीवन कैसा होगा। इसके बारे में उन्होंने खुद बात की है।

उन्होंने कहा, जब कोई व्यक्ति चीफ जस्टिस या न्यायधीश के रूप में रिटायर होता है तो लोग उन्हें हमेशा जज के रूप में ही देखते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे व्यक्ति को उनके द्वारा निभाए गए पद की जिम्मेदारी का सही प्रतिनिधित्व करना चाहिए।

चंद्रचूड़ ने कहा, "जब आप CJI या न्यायधीश के रूप में अपना पद छोड़ते हैं, तो लोग हमेशा आपको एक न्यायधीश या CJI के रूप में ही देखते हैं। मैं मानता हूं कि मुझे उस कार्यालय के प्रति सच्चा होना चाहिए, जिसे मैंने निभाया था। जो भी कार्य मैं रिटायरमेंट के बाद करता हूं, वह उसी सच्चाई का प्रतीक होना चाहिए।"

CJI चंद्रचूड़ ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि रिटायर जजों को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT), राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) और दूरसंचार विवाद समाधान न्यायाधिकरण (TDSAT) जैसे विभिन्न न्यायाधिकरणों में कार्य करने की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि इन न्यायाधिकरणों में जो मामले प्रस्तुत होते हैं वे अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इन मामलों को देखने के लिए न्यायधीशों के पास उच्चतम स्तर की ईमानदारी और विशेषज्ञता होनी चाहिए। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के पूर्व न्यायधीशों को इन भूमिकाओं में नियुक्त किया जाता है।

न्यायाधिकरणों की भूमिका पर चिंता

चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि इन न्यायाधिकरणों में उच्चतम स्तर के न्यायधीश नहीं होंगे तो देश की अर्थव्यवस्था के विकास और परिवर्तन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने इसे एक गंभीर चिंता बताया और कहा कि इन न्यायाधिकरणों का संचालन देश में बढ़ती कानूनी और आर्थिक जटिलताओं से निपटने के लिए आवश्यक है।

उन्होंने मीडिया से अपील की कि वह रिटायर जजों द्वारा इन भूमिकाओं को स्वीकार करने को लेकर अपने दृष्टिकोण पर दोबारा विचार करे। उन्होंने कहा, "हमें इन पदों पर पूर्व जजों की इसलिए आवश्यकता है ताकि प्रक्रिया निष्पक्ष और भरोसेमंद हो।"

संसद के निर्णय की वैधता पर नहीं उठे सवाल

चंद्रचूड़ ने यह भी स्पष्ट किया कि रिटायर जजों के लिए ये भूमिकाएं संसद द्वारा स्थापित की गई हैं। ऐसे में यह जरूरी नहीं है कि जजों पर सवाल उठाए जाएं या उनकी आलोचना की जाए। उन्होंने कहा, "समाज हमेशा एक जज या CJI से एक विशेष मानक की उम्मीद करता है और मैं स्वयं को उसी मानक का पालन करने का इच्छुक मानता हूं।"

अगला लेखऐप पर पढ़ें