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दिवाली पर चीनी सैनिकों को खिलाई मिठाई, डेमचोक में गश्त शुरू; LAC पर कितने बदले हालात

  • पूर्वी लद्दाख में टकराव वाली जगहों पर डिसइंगेजमेंट के बाद अब भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्ती शुरू कर दी है। एक या दो दिन में देपसांग में भी पट्रोलिंग शुरू हो सकती है।

Ankit Ojha भाषाSat, 2 Nov 2024 07:23 AM
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पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले दो बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों की पूरी तरह वापसी के कुछ दिन बाद भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक में गश्त शुरू कर दी। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देपसांग में गश्त जल्द ही फिर शुरू हो सकती है। सेना के सूत्रों ने बुधवार को बताया था कि भारत और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध वाले दो स्थानों-डेमचोक और देपसांग में सैनिकों की वापसी पूरी हो गई है और जल्द ही इन जगहों पर गश्त शुरू कर दी जाएगी।

इसके एक दिन बाद दिवाली के मौके पर एलएसी पर कई सीमा बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों ने मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। मिठाइयों के परंपरागत आदान-प्रदान से एक दिन पहले दोनों देशों के सैनिकों ने टकराव वाले दोनों बिंदुओं से वापसी की प्रक्रिया पूरी की थी जिसे चीन-भारत संबंधों में नये सकारात्मक आयाम के रूप में देखा जा रहा है।

सेना के सूत्रों ने बताया कि डेमचोक में गश्त शुरू हो गई है। सूत्रों ने पहले कहा था कि क्षेत्रों और गश्त का स्तर अप्रैल 2020 के पहले के स्तर पर पहुंच सकता है। सूत्रों ने बुधवार को कहा था कि सैनिकों के पीछे हटने के बाद सत्यापन प्रक्रिया जारी है और कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाना है। सूत्रों ने कहा था, ‘‘स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।’’

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा कि पिछले कई हफ्तों की बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उपजे मुद्दों का समाधान निकलेगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने के लिए दोनों देशों के बीच बनी सहमति को चार साल से अधिक समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गतिरोध बरकरार था और भारत-चीन संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे।

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