बंगाल में शिशु मेले के आयोजन को लेकर बवाल, सांसद के सामने ही टीएमसी कार्यकर्ताओं में मारपीट
- सूत्रों ने बताया कि मेले का संयुक्त रूप से प्रबंधन करने का निर्णय लिए जाने के बावजूद चर्चा के दौरान तनाव बढ़ गया और बात मारपीट तक पहुंच गई। घटना के तुरंत बाद दीपक अधिकारी कार्यक्रम स्थल अरबिंदा स्टेडियम से चले गए।
पश्चिम बंगाल में वेस्ट मेदिनीपुर जिले में रविवार को बच्चों के मेले के आयोजन के लिए बुलाई गई बैठक के दौरान हंगामा मच गया। स्थानीय सांसद दीपक अधिकारी के सामने अलग-अलग गुटों से जुड़े तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं में मारपीट हुई। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिकारी (देव नाम से मशहूर) और पूर्व विधायक शंकर दोलुई के समर्थकों के बीच लाठी-डंडे चले और हाथापाई हुई। सूत्रों के मुताबिक, झड़प के दौरान कुर्सियां तोड़ दी गईं और खाना कार्यक्रम स्थल पर बिखर गया।
पुलिस ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान हाथापाई हुई और मामले की जांच जारी है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि घटाल में 30 वर्ष से अधिक समय से आयोजित होने वाले वार्षिक कार्यक्रम ‘शिशु मेला’ के लिए आयोजन समिति के सदस्यों की नियुक्ति को लेकर हंगामा मचा। इसे लेकर दोनों गुटों के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है। इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बैठक में अधिकारी और दोलुई दोनों ने भाग लिया लेकिन असहमति के बाद समर्थक हिंसक हो गए।
'चर्चा के दौरान तनाव बढ़ा और मारपीट होने लगी'
सूत्रों ने बताया कि मेले का संयुक्त रूप से प्रबंधन करने का निर्णय लिए जाने के बावजूद चर्चा के दौरान तनाव बढ़ गया और बात मारपीट तक पहुंच गई। घटना के तुरंत बाद अधिकारी कार्यक्रम स्थल अरबिंदा स्टेडियम से चले गए। अधिकारी ने इस घटना पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वे शीर्ष पार्टी नेतृत्व से इस संबंध में निर्देश मिलने के बाद बैठक में आए थे। उन्होंने आश्चर्य जताया कि दोलुई के साथ उनकी सफल बैठक के बावजूद ऐसी घटना कैसे हो सकती है।
स्थानीय सांसद ने कहा कि उनका उद्देश्य मेले में आने वाले लोगों के लिए किफायती सामान सुनिश्चित करने के लिए स्टॉल की लागत कम रखना था। उन्होंने कहा कि मेला आयोजित किया जाएगा और इस घटना से घटाल की सकारात्मक छवि पर असर नहीं पड़ना चाहिए। राज्य के सिंचाई मंत्री मानस भुनिया ने कहा कि पार्टी ने घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और पुलिस को शांति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी के नेता सजल घोष ने आरोप लगाया, 'यह टीएमसी में अंदरूनी कलह का स्पष्ट उदाहरण है। लालच की वजह से उनके बीच झगड़े हैं।' यह पहली बार नहीं था जब अधिकारी और दोलुई के गुटों के बीच झड़प हुई है।