मुसलमानों को गुमराह मत करो, वक्फ बोर्ड पर जाकिर नाइक और किरेन रिजिजू आमने-सामने
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखा, 'प्लीज बाहर से हमारे देश के मासूम मुसलमानों को गुमराह करने न करें। भारत एक लोकतांत्रिक देस है और लोगों के पास अपने विचार रखने का अधिकार है। झूठा प्रोपेगैंडा गलत बातें तैयार करेगा।'
वक्फ संशोधन बिल पर इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की अपील पर सरकार ने आपत्ति जताई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कुछ वीडियोज शेयर कर कहा है कि हमारे देश के मुसलमानों को मत भड़काओ। कुछ दिनों पहले ही नाइक ने एक पोस्ट के जरिए इस बिल पर बड़े स्तर पर विरोध जताने की बात कही थी। फिलहाल, इस विधेयक पर जॉइंट पार्लियामेंट कमेटी विचार कर रही है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने लिखा, 'प्लीज बाहर से हमारे देश के मासूम मुसलमानों को गुमराह करने न करें। भारत एक लोकतांत्रिक देस है और लोगों के पास अपने विचार रखने का अधिकार है। झूठा प्रोपेगैंडा गलत बातें तैयार करेगा।' उन्होंने नाइक की तरफ से की गई पोस्ट को भी शेयर किया, जिसमें कहा गया था, 'भारतीय वक्फ की संपत्तियां बचाओ। वक्फ संशोधन बिल को खारिज कर दो।'
नाइक ने कहा था, '...भारत के कम से कम 50 लाख मुसलमानों को वक्फ संशोधन बिल पर अपना विरोध भेजना चाहिए। भारत के मुसलमान होने के नाते अगर हम मुस्लिम वक्फ की संपत्तियों को छीने जाने से नहीं रोक पाते हैं, तो हम जिम्मेदार कहलाएंगे।' नाइक ने मुस्लिम समुदाय से जेपीसी के सामने वक्फ बिल के खिलाफ विरोध दर्ज कराने की अपील की है।
जारी हैं जेपीसी बैठकें
खबरें हैं कि जेपीसी की बैठकों में टकराव जारी है, क्योंकि देश में कई सरकारी निकायों ने वक्फ बोर्डों पर उनकी संपत्तियों पर कब्जा रखने के आरोप लगाये हैं। समिति में विपक्षी सदस्यों ने दावा किया है कि वास्तव में बड़ी संख्या में वक्फ संपत्तियां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सहित सरकारी निकायों के ‘अनधिकृत’ कब्जे में हैं। पीटीआई भाषा के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि बैठकों में विपक्ष की सबसे मुखर और स्पष्ट आवाजों में से एक एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने केवल दिल्ली की ही 172 वक्फ संपत्तियों की सूची सौंपी, जो उनके अनुसार एएसआई के अनधिकृत कब्जे में हैं।
प्रत्यर्पण पर हो सकता है विचार
अगस्त में मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने संकेत दिया था कि अगर भारत, विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक नाइक के खिलाफ सबूत देता है तो उनकी सरकार उसे प्रत्यर्पित करने के भारत के अनुरोध पर विचार कर सकती है। इब्राहिम ने यह भी कहा कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर कोई गतिरोध पैदा नहीं होना चाहिए।