Hindi Newsदेश न्यूज़Vacant medical seats must be filled by December 30 at any cost Supreme Court worried about shortage of doctors

30 दिसंबर तक हर हाल में भरें खाली पड़ी मेडिकल सीटें; डॉक्टरों की कमी से सुप्रीम कोर्ट भी चिंतित

  • वरिष्ठ अधिवक्ता देवाशीष भारुका, सिद्धार्थ दवे, अभिषेक मनु सिंघवी, गौरव शर्मा, पी. विशालनाथ शेट्टी, अधिवक्ता वैभव चौधरी, तुषार जैन, चारुलता चौधरी और अनु बी. ने याचिका दायर की थी।

Himanshu Jha लाइव हिन्दुस्तानSun, 22 Dec 2024 03:37 PM
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भारत में डॉक्टरों की गंभीर कमी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) अंडरग्रेजुएट कोर्स की खाली मेडिकल सीटों को भरने के लिए एक विशेष काउंसलिंग राउंड आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह आदेश लखनऊ मेडिकल कॉलेज बनाम उत्तर प्रदेश राज्य केस में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने यह आदेश दिया है। याचिका में पाचवें राउंड के बाद भी खाली सीटों को भरने के लिए विशेष या 'स्ट्रे' काउंसलिंग आयोजित करने की मांग की गई थी।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "देश में डॉक्टरों की गंभीर कमी को देखते हुए और यह सुनिश्चित करते हुए कि कीमती मेडिकल सीटें व्यर्थ न जाएं, हम इसे अंतिम अवसर के रूप में बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इसलिए प्रवेश प्राधिकरणों को निर्देशित किया जाता है कि वे बाकी बची सीटों के लिए एक ताजा स्ट्रे/विशेष काउंसलिंग राउंड आयोजित करें और किसी भी परिस्थिति में 30 दिसंबर 2024 से पहले प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर लें।"

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि कोई कॉलेज छात्रों को सीधे प्रवेश नहीं देगा और सभी प्रवेश राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से ही किए जाएंगे। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यह विशेष काउंसलिंग राउंड पहले से किए गए प्रवेशों को प्रभावित नहीं करेगा और केवल वेटलिस्टेड उम्मीदवारों से ही प्रवेश किए जाएंगे।

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि खाली एनआरआई सीटों को सामान्य श्रेणी में परिवर्तित किया जाए और इन्हें भी राज्य प्रवेश प्राधिकरणों के माध्यम से भरा जाए।

वरिष्ठ अधिवक्ता देवाशीष भारुका, सिद्धार्थ दवे, अभिषेक मनु सिंघवी, गौरव शर्मा, पी. विशालनाथ शेट्टी, अधिवक्ता वैभव चौधरी, तुषार जैन, चारुलता चौधरी और अनु बी. ने याचिका दायर की थी। जबकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.एम. नटराज, ऐश्वर्या भाटी और विक्रमजीत बनर्जी ने प्रतिवादियों का प्रतिनिधित्व किया।

यह आदेश चिकित्सा शिक्षा और डॉक्टरों की कमी को लेकर सरकार को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता को उजागर करता है और यह सुनिश्चित करता है कि खाली मेडिकल सीटों का पूरा इस्तेमाल किया जाए।

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