दुबई से आ रही NRI महिला ने नाबालिग बेटी के कपड़ों में छिपाया सोना, पति भी कर चुका है तस्करी
- प्रारंभिक तलाशी में उनके पास कुछ नहीं मिला, लेकिन जब उनकी बेटी की तलाशी ली गई, तो उसके कपड़ों के अंदर विशेष रूप से तैयार जैकेट में छिपाकर रखे गए नौ सोने के बिस्किट बरामद किए गए।
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दुबई से लौट रहीं अमेरिका स्थित अनिवासी भारतीय (NRI) अमी कोटेचा को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 5.47 किलोग्राम सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जब्त किए गए सोने की कीमत लगभग 4.86 करोड़ रुपये आंकी गई है।
बेटी के कपड़ों में छिपाया गया था सोना
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) के अधिकारियों ने अमी कोटेचा को उनकी नाबालिग बेटी के साथ पकड़ा। प्रारंभिक तलाशी में उनके पास कुछ नहीं मिला, लेकिन जब उनकी बेटी की तलाशी ली गई, तो उसके कपड़ों के अंदर विशेष रूप से तैयार जैकेट में छिपाकर रखे गए नौ सोने के बिस्किट बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान नाबालिग ने बताया कि उसकी मां ने उसे यह पैकेट दिया था और उसे यह जानकारी नहीं थी कि भारत में बिना किसी सबूत के सोना लाने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
तस्करी से बचने के लिए नाबालिग बेटी का इस्तेमाल?
अधिकारियों के अनुसार, अमी कोटेचा ने जानबूझकर सोना अपनी नाबालिग बेटी को सौंपा, यह सोचकर कि कस्टम अधिकारी एक नाबालिग की तलाशी नहीं लेंगे। पूछताछ में अमी ने दावा किया कि उन्होंने यह सोना दुबई में ठहरने के दौरान खरीदा था।
पति भी तस्करी में संलिप्त
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि अमी कोटेचा के पति को भी पहले कस्टम विभाग ने 10 लाख अमेरिकी डॉलर की तस्करी के प्रयास में पकड़ा था। इससे अधिकारियों को शक हुआ कि यह तस्करी संगठित रूप से की गई होगी।
अमी कोटेचा गिरफ्तार, बेटी को छोड़ा गया
DRI अधिकारियों ने अमी कोटेचा को कस्टम्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं, उनकी नाबालिग बेटी को छोड़ दिया गया। अमी कोटेचा के वकील अफताब कुरैशी ने अदालत में दलील दी कि उनकी मुवक्किल को सोना लाने के नियमों की जानकारी नहीं थी, इसलिए यह तस्करी की श्रेणी में नहीं आता।
1.87 करोड़ रुपये का कस्टम शुल्क बचाने की कोशिश
DRI अधिकारियों के अनुसार, यदि अमी कोटेचा ने कानूनी रूप से सोना आयात किया होता और बैगेज डिक्लेरेशन फाइल किया होता, तो उन पर 38.5% की प्रभावी दर से 1.87 करोड़ रुपये का कस्टम शुल्क लागू होता। अधिकारियों का कहना है कि बिना शुल्क चुकाए सोना लाने की यह कोशिश एक संगठित तस्करी का हिस्सा हो सकती है। मामले की विस्तृत जांच जारी है।