TMC सांसद ने सदन में ऐसा क्या कह दिया, माफी मांगने पर भी नहीं माने ज्योतिरादित्य सिंधिया
सदन की कार्यवाही जब पुन: शुरू हुई तो बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए सिंधिया से माफी मांगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने खिलाफ निजी हमले और भारत की महिलाओं के खिलाफ बयान पर विपक्षी सांसद की माफी स्वीकार नहीं कर रहे।
Jyotiraditya Scindia vs Kalyan Banerjee: लोकसभा में बुधवार को ‘आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर चर्चा चल रही थी। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार पर कोरोना महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल सरकार को मदद नहीं करने का आरोप लगाया और जब केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनकी बात का विरोध किया तो दोनों पक्षों में तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। इसके बाद सदन में हंगामा इतना बढ़ गया कि पहले सदन को दो बार कुछ देर के लिए फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
दरअसल, चर्चा के दौरान जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी केंद्र सरकार पर मदद नहीं करने का आरोप लगा रहे थे, तभी सिंधिया ने कहा कि किसके चेहरे पर खलबली है और किसके चेहरे पर मुस्कुराहट, इसे देख लीजिए। इतना सुनते ही कल्याण बनर्जी और भड़क गए। उन्होंने कहा कि आप बहुत सुंदर दिखते हैं लेकिन आप सुंदर आदमी नहीं हैं। आप विलेन भी हो सकते है। यह जरूरी नहीं है कि सुंदर आदमी का मन भी सुंदर हो। इससे आगे बनर्जी ने कहा, "आप क्या सोचते हैं, आप सुंदर हैं और राजा फैमिली से हैं तो सब कुछ हैं क्या? ऐसा नहीं चलेगा। आप सुंदर हैं, लेडी किलर हैं।"
इस पर पलटवार करते हुए सिंधिया ने सदन में आसन से विरोध जताया और कहा कि बनर्जी ने मेरे और मेरे परिवार के उपर व्यक्तिगत हमला किया है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। सिंधिया ने कहा कि विपक्षी सांसद ने उनके परिवार पर कलंक लगाया है। इसे वह क्या कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। हालांकि, बाद में बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए तृणमूल नेता ने कहा कि उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है। उन्होंने सिंधिया की प्रशंसा भी की और कहा, "वह बहुत सुंदर और अच्छे इंसान हैं।" लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी तृणमूल कांग्रेस सदस्य के उन शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया। तृणमूल कांग्रेस और सत्ता पक्ष के सदस्यों के बीच तकरार के कारण पहले सदन की कार्यवाही चार बजकर 10 मिनट पर आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही जब पुन: शुरू हुई तो बनर्जी ने अपनी टिप्पणी के लिए सिंधिया से माफी मांगी, लेकिन केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह अपने खिलाफ निजी हमले और भारत की महिलाओं के खिलाफ बयान पर विपक्षी सांसद की माफी स्वीकार नहीं कर रहे। सिंधिया ने कहा, ‘‘हम इस सदन में शुद्ध हृदय से देश के विकास की भावना के साथ आते हैं। हम यहां आत्म-सम्मान की भावना से भी आते हैं और यदि कोई भी आत्म-सम्मान पर निजी हमले करेगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।’’ सिंधिया ने कहा, ‘‘आप हमारी नीतियों, हमारे विचारों पर हमला कीजिए। लेकिन निजी हमला करने पर जवाब के लिए तैयार रहिए।’’
मंत्री ने कहा कि बनर्जी ने माफी मांगी है, लेकिन ‘‘उन्होंने मेरे खिलाफ निजी टिप्पणी की और भारत की महिलाओं के खिलाफ जो शब्द बोले, उसके कारण मुझे उनकी माफी स्वीकार नहीं।’’ पीठासीन सभापति ए. राजा ने कहा कि अध्यक्ष बिरला ने यह मामला दोनों पक्षों के बीच सुलझाने को कहा है। भाजपा के सदस्यों ने इस दौरान हंगामा किया और पीठासीन सभापति ए राजा ने कार्यवाही करीब 4.43 बजे शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी।
पांच बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति राजा ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा में भाग लेने के लिए समाजवादी पार्टी के सदस्य राम शिरोमणि वर्मा का नाम पुकारा। इस दौरान सत्तापक्ष के सदस्य बनर्जी की टिप्पणी को लेकर विरोध जताते रहे और राजा ने कार्यवाही एक मिनट के अंदर ही बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले विधेयक पर चर्चा के क्रम में तृणमूल सदस्य कल्याण बनर्जी ने पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान सहकारी संघवाद को तहस-नहस करने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने ‘‘पश्चिम बंगाल की जनता को मरने के लिए छोड़ दिया’’।
विधेयक पेश करने वाले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस पर कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि ‘‘बनर्जी संभवत: कोरोना के समय सो रहे थे।’’ राय ने कहा कि देश ही नहीं बल्कि दुनिया जानती है कि कोरोना के वक्त मोदी सरकार ने कैसी भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि कोरोना के वक्त पश्चिम बंगाल सरकार ने आपदा के समय टीकों वाले वाहनों को ‘‘ट्रैफिक क्लियरेंस’’ तक नहीं दिया था। राय ने यह भी कहा कि लोगों पर दबाव डाला जाता था कि वे टीका न लें। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने जनता को मरने के लिए छोड़ दिया था।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)