प्राइवेट पार्ट में लगाया हाथ, असम में सरकारी नौकरी की परीक्षा के दौरान चेकिंग पर बवाल; पूरा मामला
- असम डायरेक्ट रिक्रूटमेंट एग्जामिनेशन (ADRE) की परीक्षा के दौरान एक महिला उम्मीदवार ने आरोप लगाया है कि चेकिंग के दौरान उसके साथ बदसलूकी की गई। उनका कहना है कि चेकिंग के दौरान लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में हाथ लगाया जा रहा था।
असम डायरेक्ट रिक्रूटमेंट एग्जीमिनेशन (ADRE) में शामिल होने वाली एक महिला उम्मीदवार ने दावा किया है कि परीक्षा से पहले जांच के दौरान उसके साथ बदसलूकी की गई। महिला का कहना है कि जांच करने वाले कर्मचारियों ने प्राइवेट पार्ट टच किया। महिला ने कहा, मुझे नहीं पता कि यह सब क्यों किया जा रहा था लेकिन जिस तरह से जांच की गई, वह बेहद आपत्तिजनक थी। उन्होंने शरीर के निचले हिस्से पर हाथ रख दिया और प्राइवेट पार्ट्स को छूकर जांच की जा रही थी। अगर मुझे पता होता कि मेरे साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता तो कभी परीक्षा में शामिल नहीं होती।
अभ्यर्थी ने कहा कि वह अकेले ही परीक्षा देने गई थी। वहीं कई अन्य लड़कियों के साथ भी तलाशी के दौरान ऐसा ही किया गया। कुछ ने मेखला पहन रखा था और कुछ ने लेगिंग्स। उन्हें कपड़े भी उतारने पड़े और यह सब खुले में ही हो रहा था। उन्होंने कहा कि पहले भी वह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं दे चुकी हैं लेकिन इस तरह की चेकिंग का सामना कभी नहीं करना पड़ा। महिला ने कहा, मैं परीक्षा को लेकर चिंता को समझ सकती हूं लेकिन यह सही नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री से अपील है कि इसपर ध्यान दें क्योंकि अभी कई चरणों की परीक्षाएं बाकी हैं।
इसपर प्रतिक्रिया देते हुए डीजीपी असम ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस से कहा है कि महिला अभ्यर्थी के दावों के बारे में जांच की जाए। उन्होने कहा, नालबाड़ी में परीक्षा के दौरान महिला कैंडिडेट के साथ हुई कथित बदसलूकी के बारे में जांच के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि लखीमपुर में महिला कैंडिडेट्स के पास से नकल का सामान भी मिला था। इसको लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
एडीआरई का पहला चरम 15 सितंबर को करवाया गया था। वहीं दूसरे चरण की परीक्षा 22 सितंबर को होनी है। वहीं ग्रेड फोर की भर्ती के लिए परीक्षा का आखिरी चरण 29 सितंबर को है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 11,23,204 कैंडिडेट्स ने आवेदन किया है। 2305 सेंटरों पर परीक्षा करवाई जा रही है। वहीं परीक्षा के दौरान नकल रोकने के लिए मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया था।