उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने स्टेशन पहुंची महिला, पुलिस ने उसे ही कर लिया गिरफ्तार
- रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने महिला की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने मोबाइल से उसकी फोटो खींची। साथ ही पीड़िता पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी भी की।
तमिलनाडु में उत्पीड़न की शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन गई महिला की गिरफ्तारी का मामला सामने आया है। राज्य महिला आयोग ने इसे लेकर 2 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच की सिफारिश की है। पीड़िता को मानव तस्करी और दूसरे अपराधों से जुड़े आरोपों में गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करने का दावा है। आयोग ने इस मामले में तांबरम पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है। इसमें कहा गया, 'महिला पिछले साल अगस्त में कुछ ऑटोरिक्शा डॉइवर्स के खिलाफ हरासमेंट की शिकायत दर्ज कराने पुलिस स्टेशन पहुंची। उसने बताया कि उसे 4 महीने से परेशान किया जा रहा है।'
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने महिला की शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। उन्होंने अपने मोबाइल से उसकी फोटो खींची। साथ ही पीड़िता पर गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी करने का भी आरोप है। हालांकि, जब उसने पुलिस अधिकारियों के ऐसे बर्ताव पर आपत्ति जताई तो उन्होंने उसे गिरफ्तार करने की धमकी दी। इससे महिला भड़क गई और अधिकारियों से झगड़ने लगी। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसे भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं और अनैतिक तस्करी (रोकथाम) अधिनियम की धारा 8 (B) के तहत 5 महीने के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
2 पुलिस अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोप
जेल से बाहर आने के बाद महिला ने पूरी घटना के बारे में आयोग को जानकारी दी। इसके बाद पुलिसवालों के खिलाफ जांच की सिफारिश की गई। पुलिस इंस्पेक्टर चार्ल्स और सब-इंस्पेक्टर दुर्गा के ऊपर गंभीर आरोप लगे हैं। महिला पैनल ने कहा कि इस मामले में सीआरपीसी की धारा 41 का पालन नहीं हुआ। CRPC की धारा 41 पुलिस अधिकारियों को कुछ खास परिस्थितियों में किसी व्यक्ति को बिना वारंट या मजिस्ट्रेट के आदेश के गिरफ्तार करने की इजाजत देती है। आयोग ने कहा, 'इस मामले में तांबरम पुलिस की ओर से दिशानिर्देशों की अवहेलना की गई। एक महिला को गिरफ्तार करने और उसे 5 महीने हिरासत में रखने जैसे सख्त कदम उठाए गए।'