Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court says country is facing shortage of doctors medical seats should not be wasted

देश में डॉक्टर्स की कमी, मेडिकल सीटें नहीं होनी चाहिए बर्बाद; सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश

  • पीठ ने आदेश दिया, ‘तथ्यों को ध्यान रखते हुए कि देश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है, बहुमूल्य मेडिकल सीटें बेकार नहीं जानी चाहिए। हम अंतिम अवसर के रूप में अवधि बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं।’

Niteesh Kumar भाषाSat, 21 Dec 2024 12:21 AM
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मेडिकल सीटों को लेकर अहम टिप्पणी की। अदालत ने कहा कि ऐसे समय में जब देश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है, तब कीमती मेडिकल सीटें बर्बाद नहीं होनी चाहिए। न्यायालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे रिक्त सीटों को भरने के लिए नए सिरे से काउंसलिंग आयोजित करें। जस्टिस बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने दाखिला देने वाले प्राधिकारियों को विशेष काउंसलिंग आयोजित करने और 30 दिसंबर तक मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने को कहा।

पीठ ने आदेश दिया, ‘तथ्यों और परिस्थितियों पर ध्यान रखते हुए कि देश डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है, बहुमूल्य मेडिकल सीटें बेकार नहीं जानी चाहिए। हम अंतिम अवसर के रूप में अवधि बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं।’ शीर्ष अदालत ने यह आदेश उन याचिकाओं पर विचार करते हुए दिया, जिनमें दाखिला देने वाले अधिकारियों को 5 दौर की काउंसलिंग के बाद भी खाली बची सीटों के लिए काउंसलिंग का एक विशेष दौर आयोजित करने का निर्देश देने का अपील की गई है।

दूसरी ओर, कोलकाता हाई कोर्ट ने बंगाल संयुक्त मंच के डॉक्टरों को शहर के केंद्र एस्प्लेनेड में डोरीना क्रॉसिंग पर धरना प्रदर्शन आयोजित करने की सशर्त अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति तीर्थंक घोष की एकल पीठ ने चिकित्सकों के फोरम को 20-26 दिसंबर तक डोरीना क्रॉसिंग पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। सीनियर डॉक्टर आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय महिला मेडिकल स्नातकोत्तर छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। महिला चिकित्सक का शव गत 9 अगस्त को अस्पताल में मिला था। अदालत ने संयुक्त मंच के चिकित्सकों को डोरीना क्रॉसिंग से लगभग 50 फुट दूर विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया, ताकि व्यस्त सड़क पर यातायात बाधित न हो। कोलकाता पुलिस की ओर से विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार करने के बाद चिकित्सकों ने अदालत का रुख किया।

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