रक्षाबंधन हुआ बेहद खास; आसमान में दिखेगा सुपर ब्लू मून, क्या सच में नीला हो जाएगा चांद
- इस साल का रक्षाबंधन पर्व तो बेहद खास होने जा रहा है क्योंकि इसी दिन सुपर ब्लू मून का भी दर्शन होगा। भारतीयों के लिए यह संयोग और भी स्पेशल बन जाता है।
रक्षाबंधन के मौके पर एक बेहद खास खगोलीय घटना होने जा रही है। नासा के अनुसार, इस दिन सुपर ब्लू मून का दर्शन होने वाला है। यह दुर्लभ नजारा 19 अगस्त को पृथ्वी से साफ तौर पर देखने को मिलेगा। खास बात यह भी है कि इसे अगले तीन दिनों तक देखा जा सकता है। इस रविवार से शुरू होकर बुधवार तक आप इस खगोलीय घटना का गवाह बनेंगे। इसके अलावा, बाकी के तीन सुपर मून भी इस साल दिखाई देने वाले हैं। इनमें से एक 17 सितंबर को दिखाई देगा, जिसे हार्वेस्ट मून के तौर पर जाना जाता है। दूसरी बार 17 अक्टूबर को हंटर मून का दर्शन होगा। इसी तरह 15 नवंबर की पूर्णिमा को बीवर मून नजर आएगा।
रक्षाबंधन को राखी पूर्णिमा के तौर पर भी जाना जाता है जिसे पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल का रक्षाबंधन पर्व तो बेहद खास होने जा रहा है क्योंकि इसी दिन सुपर ब्लू मून का भी दर्शन होगा। भारतीयों के लिए यह संयोग और भी खास बन जाता है। नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि ताजा सुपर ब्लू मून को आसानी से देखा जा सकता है। आप अपनी छत या आंगन से इसका दीदार कर सकते हैं। दूरबीन का सहारा लेकर चंद्रमा की सतह को भी देखा जा सकता है।
क्या नीला दिखाई देगा चांद?
बता दें कि सुपर मून शब्द साल 1979 में ज्योतिषी रिचर्ड नोल की ओर से गढ़ा गया था। दरअसल, जब एक कैलेंडर महीने में 2 पूर्णिमा हों तो दूसरी पूर्णिमा का चांद ब्लू मून कहा जाता है। इसका नाम भले ही ब्लू मून हो, मगर यह हकीकत में ब्लू नहीं होता है। एक महीने में आने वाली दूसरी पूर्णिमा का यह पारंपरिक नाम है।
सुपर ब्लू मून के दौरान ब्लू मून और सुपर मून दोनों मिलकर बड़े व चमकीले चंद्रमा के साथ आकाश को रोशन कर देते हैं। यह घटना उस वक्त होती है जब चंद्रमा अपनी कक्षा के दौरान पृथ्वी के करीब होता है। ऐसी स्थिति में वह बड़ा और चमकीला दिखाई देने लगता है। जानकार बताते हैं कि कभी-कभी हवा में धुएं या धूल के कण प्रकाश की लाल तरंगदैर्ध्य को बिखेर देते हैं। इसके चलते कुछ जगहों पर चंद्रमा सामान्य से अधिक नीला दिखने लगता है। मगर, इस घटना का सुपर ब्लू मून से कुछ लेना-देना नहीं है।