आप सरकार हैं, आतंकी नहीं जो किसानों पर चला रहे गोलियां, शुभकरण मौत मामले में हाईकोर्ट ने लगाई लताड़
खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इंटरनेट के निलंबन पर कानून बहुत स्पष्ट है और दोनों राज्यों को आवश्यक आदेश रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बार्डर पर पुलिस से टकराव में पंजाब के बठिंडा के किसान शुभकरण सिंह की मौत के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को लताड़ लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि आप सरकार हैं, आतंकवादी नहीं, जो इस तरह किसानों पर गोलियां चला रहे हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने हरियाणा के सात जिलों में इंटरनेट बैन करने पर भी नाराजगी जताई। एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि इंटरनेट के निलंबन पर कानून बहुत स्पष्ट है और दोनों राज्यों को आवश्यक आदेश रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
पंजाब सरकार से पूछा, आपने अब तक क्या जांच करवाई है?
हाईकोर्ट ने 21 फरवरी को प्रदर्शनकारी शुभकरण सिंह की मौत की न्यायिक जांच की मांग करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर भी सुनवाई की और पंजाब सरकार से सवाल किया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट क्यों नहीं आई। जस्टिस संधावालिया ने मौखिक रूप से सवाल किया कि आप (पंजाब) पोस्टमार्टम करने में एक सप्ताह का समय क्यों ले रहे हैं? आपने अब तक क्या जांच कार्रवाई की है? क्या यह प्राकृतिक मौत है? पंजाब सरकार के वकील ने तब अदालत को सूचित किया कि पोस्टमार्टम किया गया है और रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में धारा 302 के तहत जीरो एफ.आई.आर. दर्ज की गई है।
केंद्र ने भी दाखिल किया अपना हलफनामा
गुरुवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने हलफनामा भी दायर किया, जिसे कोर्ट ने रिकॉर्ड पर लिया। इसमें कहा गया है कि किसानों के प्रतिनिधियों के साथ चार दौर की बैठकें हो चुकी हैं। हलफनामे में यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने किसान समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति की बेहतरी के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें बजट आवंटन और एम.एस.पी. में उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत की वृद्धि शामिल है। किसान अन्य चीजों के अलावा एम.एस.पी. की गारंटी वाले कानून की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
शुभकरण का हुआ अंतिम संस्कार, मार्च पर अब तक कोई घोषणा नहीं
इससे पहले, हरियाणा और पंजाब की खनौरी सीमा पर हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में मारे गए किसान शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार बृहस्पतिवार को पंजाब के बठिंडा जिले में उनके पैतृक गांव में कर दिया गया। खनौरी सीमा पर 21 फरवरी को हुई झड़प में 21 वर्षीय शुभकरण की मौत हो गई थी और 12 पुलिस कर्मी घायल हुए थे। झड़प तब हुई थी जब प्रदर्शनकारी किसानों ने आगे बढ़ने के लिए सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की थी। खनौरी में 21 फरवरी को शुभकरण की मौत और 12 पुलिस कर्मियों के घायल होने के बाद किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च को दो दिन के लिए रोक दिया गया था। दो दिन बाद किसान नेताओं ने कहा कि प्रदर्शनकारी पंजाब-हरियाणा के खनौरी और शंभू सीमा पर 29 फरवरी तक डेरा डाले रहेंगे और उसी दिन अगले कदम पर फैसला लिया जाएगा।
रिपोर्ट: मोनी देवी