इजरायल-ईरान टेंशन से बढ़ जाएंगी तेल की कीमतें? युद्ध को लेकर क्यों चिंता में है भारत
इजरायल और ईरान के बीच बढ़े टेंशन का असर मार्केट पर दिखना शुरू हो गया है। जानकारों का कहना है कि सोमवार को बाजार खुलने के बाद तेल की कीमतों में वृद्धि हो सकती है। इसका असर भारत पर भी पड़ सकता है।
दुनिया में दो युद्ध पहले से ही चल रहे हैं और तीसरे युद्ध की आहट है। शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात ईरान ने अचानक इजरायल पर 200 मिसाइलें और ड्रोन दाग दिए। वहीं यहूदी देश के साथ यूएस, यूके और फ्रांस ने मिलकर इन हमलों को नाकाम कर दिया। वहीं बाजार की बात करें तो इजरायल और सऊदी अरब के बाजार में कुछ हलचल दिखाई दी। जानकारी के मुताबिक ईरान के इन हमलों में इजरायल को कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। एक 10 साल की बच्ची के घायल होने और एक मिलिट्री बेस को थोड़ा नुकसान होने की पुष्टि की गई है।
बता दें कि इससे पहले ईरान ने सीरिया में ईरान के दूतावास पर एयर स्ट्राइक कर दी थी। इस एयर स्ट्राइक में ईरान का एक शीर्ष कमांडर भी मारा गया था। इसके बाद ही ईरान इजरायल पर हमला करने की धमकी दे रहा था। इस युद्ध के माहौल के बीच और सीरिया में एयर स्ट्राइक के बाद ही ब्रेंट की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गई। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर इजरायल और ईरान में आमने-सामने का युद्ध हो गया तो ये कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल से भी ऊपर पहुंच जाएंगी। वहीं इजराय की मुद्रा भी टूटकर इस साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है।
भारत को क्यों है चिंता
युद्ध के माहौल में बाजार की इस हलचल को लेकर चिंता होना हर देश के लिए लाजमी है। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने का असर भारत में भी पड़ सकता है। भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी तेल बाहर से ही आयात करता है। इसमें अरब देशों की बड़ी हिस्सेदारी है। अगर तेल की कीमतें अंतरराष्ट्री स्तर पर बढ़ती हैं तो निश्चित तौर पर भारत पर भी इसका असर पड़ेगा। वहीं तेल की कीमतें बढ़ने पर देश की विकास दर पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा राजकोषीय घाटा बढ़ सकता है।
भारत का कहना है कि इजरायल और ईरान के बीच बढ़ रही दुश्मनी की वजह से आंचलिक शांति और सुरक्षा को खतरा है। भारत ने कहा कि बातचीत के जरिए इस विवाद का हल निकालकर शांति बहाल करने की जरूरत है। भारत के दूतावास उन भारतीयों के संपर्क में हैं जो कि ईरान और इजरायल में रह रहे हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, इजरायल और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव से क्षेत्र की शांति को नुकसान पहुंचा है। विदेश मंत्रालय पश्चिमी एशिया की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
बता दें कि तेल आयात करने वाले दुनियाभर के बडे देशों में भारत भी शामिल है। भारत ज्यादातर तेल मध्य एशिया से आयात करता है। वहीं इजरायल से भी भारत के व्यापारिक संबंध अच्छे हैं। अगर युद्ध शुरू हो जाता है तो ईरान के साथ मध्य एशिया के कई देश आ सकते हैं। ऐसे में भारत पर भी दबाव बनाने का प्रयास किया जा सकता है। भारत ने इस संकटों का अनुमान लगाते हुए ही रूस से तेल आयात बढ़ा दिया था। भारत ने 2023 में 35 फीसदी तेल का आयात रूस से किया था।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 15 अप्रैल से ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एक दिन में ही तेल की कीमतें 71 सेंट बढ़ गई हैं।