कैसे दिल्ली के पास और विकास से दूर है नूंह, दंगों और साइबर क्राइम का बना गढ़
गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद इसकी बानगी भी हैं, लेकिन नूंह जिला एक अपवाद भी है। दिल्ली से महज 100 किलोमीटर दूर रहकर भी यह देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है, जबकि हरियाणा अमीर राज्य है।

दिल्ली के आसपास के इलाके विकसित हैं, ऐसी एक आम धारणा है। गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद इसकी बानगी भी हैं, लेकिन नूंह जिला एक अपवाद भी है। दिल्ली से महज 100 किलोमीटर दूर रहकर भी यह देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है। सांप्रदायिक तनाव और साइबर क्राइम के लिए मशहूर यह जिला हरियाणा के लिए भी एक चिंता का सबब रहा है, जिसकी गिनती देश के अमीर राज्यों में होती है। एक तरफ गुरुग्राम में चमचमाती इमारतें और दूसरी तरफ कुछ ही दूरी पर नूंह का पिछड़ा इलाका दो अलग-अलग तस्वीरें पेश करते हैं।
कभी मेवाती साइबर क्राइम गैंग और कभी लूटपाट की घटनाओं के चलते ही यह जिला चर्चा में रहता है। इन दिनों एक बार फिर से यह चर्चा में है। सोमवार को एक रैली में पथराव के बाद से सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई है और कर्फ्यू लगा हुआ है। हरियाणा के मेवात बेल्ट कहे जाने वाले इलाके में नूंह जिला पड़ता है, जिसमें मुस्लिमों की बड़ी आबादी है। यह हरियाणा का इकलौता मुस्लिम बहुल जिला है। 2018 में नीति आयोग की एक रिपोर्ट में इसे देश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक बताया गया था। राजस्थान के भरतपुर और अलवर से भी यह जिला सटा है। मेव मुस्लिमों के चलते ही इस क्षेत्र को मेवात कहा जाने लगा था।
हालांकि 2005 में मेवात को एक जिले के तौर पर पहचान मिली, जो कभी एक कस्बा था। हालांकि 2016 में जिले का नाम मेवात से बदलकर नूंह कर दिया गया। इस जिले में गुरुग्राम और फरीदाबाद शहर के ही एक हिस्से को काटकर मिलाया गया। मेव मुस्लिमों का दावा है कि वे कभी राजपूत थे। हालांकि समाजशास्त्री मानते हैं कि वे गुर्जर, मीणा और जाट बिरादरियों से धर्मांतरित हुए हैं। इनकी ही जिले में बहुलता है। 2011 के जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक जिले में करीब 80 फीसदी मुसलमान हैं और 20 पर्सेंट हिंदू हैं। यहां साक्षरता दर काफी कम है और जल का संकट यहां आर्थिक स्थिति और खराब करता है।
शिक्षा, हेल्थ समेत कई मानकों में पिछड़ा है नूंह
शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तीकरण जैसे मानकों पर जिला काफी पिछड़ा है। इसके अलावा बेरोजगारी और पिछड़ेपन ने अपराध में भी इजाफा किया है। कभी यह इलाका लूटपाट के लिए चर्चित रहा करता था। अब इसमें साइबरक्राइम भी जुड़ गया है। उत्तर भारत के सबसे बड़े साइबर क्राइम हब के तौर पर अब यह पहचान रखता है। अप्रैल में हरियाणा पुलिस ने यहां बड़े साइबर गैंग का पर्दाफाश किया था। 102 पुलिस वालों की टीम ने 320 ठिकानों पर रेड मारी और सवा सौ से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया था। इस दौरान पुलिस ने तमाम आधार कार्ड, एटीएम, सिम कार्ड और मोबाइल बरामद किए थे। इसके अलावा पीओएस मशीनें भी मिली थीं।

क्यों मेवात में कम नहीं हो पा रहे अपराध
मेवात का इलाका हरियाणा, राजस्थान और यूपी के बीच आता है। इसकी वजह से अकसर अपराधी यहां से वहां निकल जाते हैं और उन्हें ट्रेस करना मुश्किल होता है। इस वजह से भी साइबर क्राइम समेत तमाम अपराधों में इजाफा हुआ है। कई बार तो पुलिस भी यहां जाने से बचती है या फिर बड़ी तैयारी के साथ ही एंट्री करती है। साइबर क्राइम का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पुलिस ने कुछ समय पहले ही इस इलाके में 5 लाख से ज्यादा सिम कार्ड्स को ब्लॉक किया था।
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