कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर क्यों टेंशन में हैं वैज्ञानिक? रिसर्च में सामने आया ओमिक्रोन से लिंक
कोरोना के नए वेरिएंट बीए.2.86 को लेकर वैज्ञानिक चिंता में हैं। रिसर्च के मुताबिक इसके कुछ गुण ओमिक्रोन से मिलते हैं। ऐसे में संभव है कि ओमिक्रोन के शुरुआती चरण में ही इसका जन्म हो गया हो।
कोरोना की तीन बड़ी लहरों और कई बार के लॉकडाउन के बाद अब सभी सामान्य जीवन जीने लगे हैं। सबको लगता है कि कोरोना अब खत्म हो चुका है। हालांकि अब कोरोना का एक नाए वेरिएंट सामने आया है जो कि बहुत तेजी से फैलता है। बीए.2.86 वायरस इस समय वैज्ञानिकों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है। वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर यह कितना खतरनाक हो सकता है और यह पैदा कहां से हुआ है। क्या यह नया वेरिएंट ओमिक्रोन के ही अर्ली स्टेज से निकला है? ऐसा इसलिए कयास लगाए जा रहे हैं क्योंकि इसके फैलने की रफ्तार बहुत ज्यादा है।
ओमिक्रोन की ही तरह BA.2.86 भी इंसान के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। बता दें कि यूके और अमेरिका में ओमिक्रोन की चपेट में बड़ी आबादी आ गई थी। राहत वाली बात यह है कि अब तक की जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिक यही कह रहे हैं कि यह वेरिएंट किसी लहर के लिए जिम्मेदार नहीं होगा। एक वैज्ञानिक ने कहा, बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन लगी है ऐसे में नहीं लगता कि यह वेरिएंट ओमिक्रोन जैसी कोई लहर लाएगा। हालांकि अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी है।
वैज्ञानिक क्यों हैं अलर्ट
इस वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिक अलर्ट हो गए हैं। एक पब्लिक हेल्थ रिसर्चर आशीष झा के मुताबिक यह वेरिएंट कोरोना के शुरुआती रूप से बिल्कुल अलग है। इसपर मिलकर ध्या देना जरूरी है। एक जानकार ने यह भी कहा कि बीए.2.86 खुद एंटीबॉडीज भी बनाता है जो कि वायरस के इफेक्ट को खत्म कर देता है। इस वायरस के संक्रमण के छह मामले, इजरायल, यूके, डेनमार्क और यूएस में मिले हैं। इनमें एक दूसरे से कोई संबंध भी नहीं है। इन लोगों ने कोई हवाई यात्रा भी नहीं की थी। इसका मतलब है कि कई देशों में पहले ही इसका कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है।
बता दें कि नए वेरिएंट्स को डब्लूएचओ ने भी चिंताजनक बताया है और कहा है कि ये घातक भी हो सकते हैं। बीए 2.86 को अभी निगरानी केतहत रखा गया है। बता दें कि 2019 में कोरोना फैलने के बाद इसके बहुत सारे वेरिएंट सामने आ चुके हैं। इन वेरिएंट के कई गुण समान होते हैं तो कई अलग भी होते हैं।