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वहां के लोग कश्मीरियों से कर रहे हैं अपनी तुलना; PoK में फैली अशांति पर जयशंकर बोले

जयशंकर का बयान तब आया है जब पीओके में अर्धसैनिक रेंजर पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा गोलियां चलाए जाने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, कोलकाताWed, 15 May 2024 06:00 AM
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पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पीओके में रहने वाले लोग भी भारत के जम्मू कश्मीर की ओर तरफ देखते हैं और सोचते हैं कि वहां कितनी प्रगति हो रही है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में विकसित भारत कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, "आज पीओके में कुछ हलचलें हो रही हैं... इसका विश्लेषण करना जटिल है लेकिन निश्चित रूप से मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि पीओके में रहने वाला कोई भी व्यक्ति अपनी तुलना जम्मू-कश्मीर में रहने वाले व्यक्ति से कर रहा है। वहां के लोग कह रहे हैं कि कैसे आजकल भारत के लोग प्रगति कर रहे हैं।"

विदेश मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब पीओके में अर्धसैनिक रेंजर पर हमला करने वाले प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों द्वारा गोलियां चलाए जाने से कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य लोग घायल हो गए। खबरों के मुताबिक, पीओके में प्रदर्शनकारी गेहूं के आटे की ऊंची कीमतों और बिजली के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।

कोलकाता में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा, "आज पीओके में कुछ हलचल हो रही है। इसके बारे में कुछ भी कहना कठिन है। लेकिन मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि पीओके में रहने वाला हर व्यक्ति आज अपनी स्थिति की तुलना जम्मू-कश्मीर में रहने वाले व्यक्ति से कर रहा है। पीओके के लोग देख रहे हैं कि कश्मीर के लोग कैसे प्रगति कर रहे हैं।"

जयशंकर ने कहा, "वे (पीओके के लोग) जानते हैं कि वे कब्जे में जी रहे हैं। वे बुरी तरह से भेदभाव किए जाने की भावना को जानते हैं।" विदेश मंत्री ने कहा कि पीओके हमेशा भारत का हिस्सा रहा है और यह हमेशा भारत का रहेगा। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने तक, पीओके के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी।

कोलकाता में जयशंकर ने कहा, "1990 के दशक में पश्चिमी देशों द्वारा हम पर कुछ दबाव डाला गया था और उस समय इस देश में पब्लिक रुचि कम होने के बाद संसद ने सर्वसम्मति से पीओके पर एक प्रस्ताव पारित किया था। अब हम असल में अनुच्छेद 370 से आगे बढ़े हैं और संविधान के अस्थायी प्रावधान को समाप्त कर दिया है।" उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था और इसे इतने लंबे समय तक लागू नहीं रखना चाहिए था।

विदेश मंत्री ने कहा कि यह एक तरह से अलगाववाद, हिंसा और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा था। एक दिन पहले पीओके को भारत में मिलाए जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया था। विदेश मंत्री ने कहा था कि 370 हटा कर जम्मू-कश्मीर को एकीकृत करना पहला पार्ट था जो कर लिया गया है और अब हमें दूसरे पार्ट का इंतजार करना चाहिए।

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