BJP सांसद वरुण गांधी ने बताया, शिक्षा मंत्री होते तो सबसे पहले करते ये चार काम
Varun Gandhi News: वरुण गांधी से पूछा गया कि यदि वे एजुकेशन मिनिस्टर होते तो चार काम कौन से करते। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह पाठ्यक्रम में बदलाव करते और शिक्षकों की संख्या बढ़ाते।
Varun Gandhi News: भाजपा सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार की योजनाओं के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक कई मुद्दों पर पत्र लिख चुके हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह अगले लोकसभा चुनाव से पहले सियासी भविष्य को लेकर अहम कदम उठा सकते हैं। हाल ही में वरुण ने दावा किया कि उन्हें दो बार मंत्रिपद ऑफर किया गया था, लेकिन उसे उन्होंने ठुकरा दिया। इसी कार्यक्रम में भाजपा सांसद वरुण ने यह भी बताया कि अगर वे शिक्षा मंत्री होते तो कौन से काम जरूर करते।
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' के थिंकएजू कॉन्क्लेव में वरुण गांधी से पूछा गया कि यदि वे एजुकेशन मिनिस्टर होते तो चार काम कौन से करते। उन्होंने कहा कि सबसे पहले वह पाठ्यक्रम में बदलाव करते और शिक्षकों की संख्या बढ़ाते। इसके बाद, वह लोगों को कुशल बनाने पर पैसा खर्च करते। दक्षिण कोरिया में 94% के विपरीत भारतीय कार्यबल 4% ही कुशल हैं। इसके अलावा, वे वोकेशनल एजुकेशन को बढ़ाते जैसा कि साउथ कोरिया और जर्मनी में होता है।
उन्होंने कहा, ''जब आप एक बार अपनी शिक्षा पूरी कर लेते हैं तो आप वोकेशनल एजुकेशन के लिए तीन से पांच साल और ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी युवाओं को पता होना चाहिए कि पिछले पांच सालों में जितनी भी सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं, उनमें से 79% संविदा की नौकरियां हैं। वे वास्तविक नौकरियां नहीं हैं, उनके पास पेंशन नहीं है, कोई सामाजिक सुरक्षा लाभ नहीं है।''
भाजपा सांसद ने बताया कि संसद में मैंने जो बिल पेश किया है, वह कहता है कि समयबद्ध तरीके से वैकेंसियों की पहचान करें और फिर एग्जाम हों और 45 से 60 दिनों के भीतर युवाओं को नौकरी दे दें। मैंने इसे सामने रखा है और मैंने इस पर कुछ मंत्रियों से बात की है। उन्होंने नई नौकरियां सृजित करने का वादा भी किया है।
मंत्रिपद को लेकर वरुण गांधी ने किया बड़ा दावा
एनडीए सरकार के दोनों कार्यकालों में वरुण गांधी के पास कोई भी मंत्रिपद नहीं रहा है। इस वजह से कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि वरुण की कथित नाराजगी के पीछे मंत्री न बनाया जाना भी है। अब उन्होंने दावा किया है कि उन्हें दो बार मंत्री बनने के लिए कहा गया था, लेकिन उसे उन्होंने ठुकरा दिया। सांसद वरुण गांधी ने कहा, "मैंने दो बार मंत्रिपद ठुकराया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं।" यह पूछे जाने पर कि जब उन्होंने मंत्रिपद ठुकराया तो क्या किसी को बुरा लगा, वरुण गांधी ने कहा, "यदि आप किसी को सम्मानपूर्वक बातें कहते हैं, यदि उनका सम्मान बनाए रखा जाता है, और यदि आपके बयानों में तर्क है, तो लोग बड़े दिल वाले होते हैं।"
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