कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी ने रचा इतिहास, मिला पहला पुरस्कार; पंजाब रेजीमेंट को भी खास सम्मान
उत्तराखंड झांकी के आगे और पीछे राज्य का नाम भी ऐपण कला में ही लिखा गया था। प्रदेश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए इस झांकी के साथ मनोहारी छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया।
देश के 74वें गणतंत्र दिवस परेड में उत्तराखंड की झांकी को पहला पुरस्कार मिला है, जिसमें वन्यजीवों व धर्मस्थलों को दिखाया गया था। सेना के पंजाब रेजीमेंट को तीनों सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी का खिताब दिया गया। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी। 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर पारंपरिक परेड के दौरान उत्तराखंड की झांकी में राज्य के वन्यजीवों व धर्मस्थलों को प्रदर्शित किया गया। अभी तक राजपथ के नाम से पहचाने जाने वाले मार्ग का इसी वर्ष नाम परिवर्तन के बाद 'कर्तव्य पथ' हो गया। इस तरह कर्तव्य पथ पर पहली बार उत्तराखंड की झांकी 'मानसखंड' को प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में राज्य का नाम दर्ज हो गया।
झांकी में देवदार के घने जंगलों से घिरे पौराणिक जागेश्वर धाम, प्रसिद्ध कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान, बारहसिंगा, उत्तराखंड का राज्य पशु कस्तूरी मृग, राष्ट्रीय पक्षी मोर, प्रदेश के पक्षी घुघुती, तीतर, चकोर, मोनाल और कुमाऊं की प्रसिद्ध ऐपण कला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के आगे और पीछे उत्तराखंड का नाम भी ऐपण कला में ही लिखा गया था। प्रदेश की कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए झांकी के साथ मनोहारी छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया गया जबकि झांकी के ऊपर योग करते हुए भी दिखाया गया। पिथौरागढ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती के लिखे गीत 'जय हो कुमाऊं, जय हो गड़वाला' को झांकी का थीम सांग बनाया गया।
सीएम धामी ने प्रदेश के लोगों को दी बधाई
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को इसके लिए बधाई दी है। धामी ने इस उपलब्धि को गौरवशाली पल बताया। उन्होंने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्कंदपुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है जिसमें जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने की बात कही है और सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है।
गुजरात की झांकी लोकप्रिय श्रेणी में नंबर वन
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि गणतंत्र दिवस परेड 2023 की सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग टुकड़ी और झांकी की घोषणा कर दी गई है। मिनिस्ट्री ने बताया कि आधिकारिक विजेताओं को चयनमंडली ने चुना है। गुजरात की झांकी लोकप्रिय श्रेणी में नंबर वन के रूप में उभरी है। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की झांकियां क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं। मंत्रालयों और विभागों की झांकियों में आदिवासी मंत्रालय की झांकी को सर्वश्रेष्ठ झांकी होने का खिताब दिया गया है।
यूपी की की झांकी में भगवान राम, अयोध्या के दीपोत्सव की झलक
उत्तर प्रदेश की झांकी में भगवान राम और देवी सीता के वनवास से लौटने पर अयोध्या के लोगों द्वारा उनका स्वागत करते हुए दिखाया गया। साथ ही इस शहर में दीपोत्सव समारोह के आयोजन की झलक भी झांकी में प्रस्तुत की गई। झांकी के किनारे वाले हिस्से में अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी को दर्शाया गया और एक बड़ा 'दीपोत्सव द्वार' बनाया गया। इसमें महर्षि वशिष्ठ की एक प्रतिमा भी है। उत्तर प्रदेश पिछले 2 साल से परेड में सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार जीतता आ रहा था।