Hindi Newsदेश न्यूज़Under the guise of talks China is deceiving Bhutan and also captured the land of the royal family

बातचीत की आड़ में भूटान को भी धोखा दे रहा चीन, शाही परिवार की जमीन पर कर लिया कब्जा

चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है। इस समय चीन और भूटान में सीमा विवाद सुलझाने को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं चीन भूटान के इलाके में निर्माण भी किए जा रहा है।

बातचीत की आड़ में भूटान को भी धोखा दे रहा चीन, शाही परिवार की जमीन पर कर लिया कब्जा
Ankit Ojha एजेंसियां, थिंपूSat, 6 Jan 2024 05:29 PM
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सीमाएं बढ़ाने और अतिक्रमण के लिए चीन किसी भी सीमा तक जाने को तैयार रहता है। भूटान के साथ भी चीन कुछ इसी तरह का धोखा कर रहा है। एक तरफ वह सीमाओं को लेकर भूटान के साथ बातचीत कर रहा है तो दूसरी तरफ अपना अवैध कब्जा बढ़ा रहा है। हालिया सैटलाइट इमेज से पता चलता है कि चीन ने भूटान के बेयुल खेनपाजोंग इलाके में शाही परिवार से जुड़े इलाके पर भी कब्जा कर लिया है। यहां वह अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलप कर रहा है। 

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की मैक्सार टेक्नॉलजी द्वारा जारी तस्वीरों मे देखा जा सकता है कि खेनपाजोंग इलाके में नदी के किनारे घाटी में चीन ने इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा कर दिया है। यह इलाके सांस्कृतिक नजरिए से भी भूटान के लिए मायने रखता है। बता दें कि भूटान की कुल आबादी 8 लाख के करीब है। चीन ने भूटान की जमीन पर सड़कें और इमारतें तैयार कर दी हैं। जानकारों का कहना है कि चीन को इस बात का पता है कि भूटान उसकी हरकतों का जवाब नहीं दे सकता है। ऐसे में सीमा विवाद सुलझाने की आड़ में वह अपनी विस्तारवादी नीतियां जारी रख रहा है। 

जानकारों का कहना है कि भूटान के शाही परिवार की विरासत हिमालय तक फैली है। इसपर ही चीन कब्जा करने की फिराक में है। भूटान की सरकार भी चीन के सामने बेबस है। भूटान चाहता है कि किसी तरह उसके इलाके में चीन की घुसपैठ बंद हो जाए। इसीलिए वह बातचीत का रास्ता अपना रहा है। हाल ही में भूटान के विदेश मंत्री ने चीन की यात्रा भी की थी। 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, जाकरलुंग घाटी में चीन 130 इमारतें बना रहा है। चीन भूटान में दो बड़े गांव बसाने का प्लान कर रहा है। जानकारों का कहना है कि अगर भूटान ने कड़ा विरोध नहीं किया तो कुछ ही समय में जाकरलुंग घाटी चीन के कब्जे में होगी। इससे पहले चीन ने डोकलाम रोड बनाने की कोशिश की थी लेकिन भारतीय सैनिकों से झड़प होने के बाद उसने अपना काम रोकना पड़ गया। बता दें कि डोकलाम में चीन, भारत और भूटान तीनों की सीमाएं लगती हैं। कह सकते हैं कि भारत की वजह से भूटान का वह हिस्सा चीन से बच गया। 

भूटान की बड़ी मदद  करता है भारत
बता दें कि भूटान की लगभग 600 किलोमीटर की सीमा चीन के साथ लगती है। वहीं बड़ा हिस्सा भारत को भी छूता है। भूटान और भारत के बीच संबंध हमेशा से अच्छे ही रहे हैं। व्यापार और सुरक्षा को लेकर भी भारत भूटान की मदद करता है। 1949 में ही भूटान और भारत के बीच व्यापार, सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर एक समझौता हो गया था। आज भी भारत आर्थिक तौर पर भी भूटान की मदद करता है। 

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