यह बदनाम करने की साजिश; लोकसभा चुनाव के परिणामों पर उठे सवाल तो फूटा चुनाव आयोग का गुस्सा
चुनाव आयोग ने एक्स पर बयान जारी करते हुए कहा कि मानव जाति के इतिहास में अब तक हुए सबसे बड़े चुनाव को बदनाम करने के लिए एक झूठा अभियान चलाया जा रहा है।
चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव को कथित तौर पर बदनाम करने के प्रयासों को लेकर साफ शब्दों में प्रतिक्रिया दी है। रविवार को आयोग ने एक्स पर बयान जारी करते हुए कहा कि मानव जाति के इतिहास में अब तक हुए सबसे बड़े चुनाव को बदनाम करने के लिए एक झूठा अभियान चलाया जा रहा है। आयोग का यह बयान कांग्रेस पार्टी द्वारा हाल ही में किए गए दावों के बाद आया है, जिसमें कांग्रेस ने अंतिम मतदान प्रतिशत में वृद्धि को लेकर धांधली की आशंका जताई थी।
चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि चुनाव के प्रत्येक चरण में उम्मीदवारों और हितधारकों के साथ पारदर्शिता बनाए रखी गई थी। इसके बावजूद मतदान के आंकड़ों को निराधार बताने का प्रयास किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी चुनावी प्रक्रियाओं को सबसे पारदर्शी तरीके से संचालित किया गया है और किसी भी प्रकार की धांधली की कोई संभावना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने शनिवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में प्रारंभिक आंकड़ों की तुलना में अंतिम मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी देखी गई है। पार्टी ने इस बढ़ोत्तरी को धांधली का संकेत मानते हुए चुनाव आयोग से इसकी जांच करने की मांग की। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने दावा किया कि इस बढ़ोत्तरी से स्पष्ट होता है कि भाजपा ने चुनाव परिणामों को हेरफेर किया है। उन्होंने ‘वोट फॉर डेमोक्रेसी’ नामक संस्था की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट में मतदान के प्रारंभिक और अंतिम आंकड़ों के बीच बड़े अंतर की बात की गई है।
उन्होंने दावा किया, ‘‘इस विश्लेषण के मुताबिक, मतदान वाले दिनों पर चुनाव आयोग द्वारा घोषित किए गए मतों के आंकड़ों और अंतिम मतदान प्रतिशत में बहुत अंतर है। यदि राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत अंतर 4.7 प्रतिशत का है, तो क्या ये चुनाव नतीजे सही थे।’’
दीक्षित ने यह भी आरोप लगाया कि राज्यों के स्तर पर, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश और ओडिशा में, मतदान प्रतिशत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने इसे भाजपा और उसके गठबंधन के अच्छे प्रदर्शन से जोड़ते हुए चुनाव परिणामों पर सवाल उठाए हैं। दीक्षित का कहना है, ‘‘अगर राज्यों के स्तर पर देखें, तो पता चलेगा कि आश्चर्यजनक तरीके से आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 12.5 प्रतिशत वोट बढ़ जाता है। संयोग है कि ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भाजपा और उसके गठबंधन ने चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया।’’