अतीक अहमद को महंगा पड़ा ये दो कांड, 4 साल में भरभरा कर गिरा 4.5 दशक पुराना आतंक का साम्राज्य
देवरिया जेल में बंद रहते हुए अतीक अहमद ने आतंक की नई कहानी को अंजाम दिया था, जिससे उस पर नकेल कसनी शुरू हो गई थी। दिसंबर 2018 में अतीक के गुर्गों ने लखनऊ के रियल इस्टेट व्यावसायी को किडनैप कर लिया था।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक अतीक अहमद उत्तर प्रदेश का ऐसा पहला व्यक्ति था जिस पर उत्तर प्रदेश में 'गैंगस्टर एक्ट' के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था। 2013 में IANS की एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से यह दावा किया गया था। कहा जाता है कि अतीक ने 1979 में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। तब उसकी उम्र 17 साल ही थी। उसे मर्डर केस में आरोपी बनाया गया था। धीरे-धीरे उसके आतंक की कहानी और दायरा बढ़ता चला गया और एक समय ऐसा भी आया जब उस पर 180 मुकदमे दर्ज हो गए।
राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह की हत्या:
अभी हाल ही में (24 फरवरी को) प्रयागराज के धूमनगंज थाने में बहुजन समाज पार्टी के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और दो अन्य पुलिसकर्मी (जो उमेश पाल की सुरक्षा कर रहे थे) की हत्या कर दी जाती है। तीन लोगों ने इस कांड का अंजाम दिया था।
इस घटना के अगले दिन 25 फरवरी को उमेश पाल की पत्नी जया पाल की शिकायत के आधार पर अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, उसकी पत्नी शाइस्ता, दो बेटों और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। उसी दिन, विधानसभा सत्र को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक उग्र भाषण में कहा था, "माफियों को हम मिट्टी में मिला देंगे।"
अतीक के ठिकानों पर चला बुल्डोजर:
इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने एक मार्च को अतीक के ठिकानों पर बुल्डोजर की कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने मामले में तेजी से जांच की और कार्रवाई की। साबरमती जेल में बंद अतीक को पुलिस रिमांड पर ले आई और 13 अप्रैल को कोर्ट ने अतीक और उसके भाई अशरफ को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। 15 अप्रैल को अस्पताल जाते वक्त रास्ते में दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
जेल में बंद रहकर उगाही, किडनैपिंग:
इससे पहले देवरिया जेल में बंद रहते हुए अतीक अहमद ने आतंक की नई कहानी को अंजाम दिया था, जिससे उस पर नकेल कसनी शुरू हो गई थी। दिसंबर 2018 में अतीक अहमद के गुर्गों ने लखनऊ के रियल इस्टेट व्यावसायी मोहित जायसवाल को किडनैप कर लिया था और उसे देवरिया जेल पहुंचा दिया था, जहां अतीक पहले से ही बंद था।
पीड़ित मोहित जायसवाल ने बाद में कृष्णानगर थाने में अतीक अहमद, उसके बेटे उमर और उसके अन्य पांच सहयोगियों सहित 12 अन्य पर अपहरण, मारपीट, डकैती, जबरन वसूली, चोट पहुंचाने, आपराधिक साजिश का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। इस मामले में देवरिया जेल के अधीक्षक समेत तीन जेलकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया था।
इस मामले में अतीक अहमद पर तब दबिश और बढ़ गई, जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया। 23 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सीबीआई के पास ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
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