Hindi Newsदेश न्यूज़tejashwi yadav may campaign uddhav thackeray group in bmc election to greed north indian - India Hindi News

उत्तर भारतीयों की 'दुश्मन' रही शिवसेना अब क्यों नतमस्तक, बीएमसी चुनाव में उतरेंगे तेजस्वी यादव?

कभी उत्तर भारतीयों को मार पीटकर मुंबई से भगाने वाली शिवसेना अब उन्हीं को रिझाने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के मुताबिक तेजस्वी यादव भी उद्धव ठाकरे की ओर से बीएमसी चुनाव का प्रचार कर सकते हैं।

Ankit Ojha लाइव हिंदुस्तान, मुंबईThu, 24 Nov 2022 12:36 PM
share Share


महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के पास से सत्ता जाने के बाद अब अगली चुनौती बीएमसी चुनाव है। बृहन्नमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC)के लिए उद्धव सेना और भाजपा दोनों ही उत्तर भारतीयों को रिझाने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बता दें कि देश के सबसे धनवान नगर निगम बीएमसी का संचालन पिछले दो दशक से शिवसेना कर रही है। ऐसे में उद्धव सेना के लिए बीएमसी चुनाव नाक का सवाल बना हुआ है। उत्तर भारतीयों का विरोध करने वाली और मुंबई से भगाने वाली शिवसेना अब उत्तर भारतीयों  के वोट पर ही नजर गड़ाए हुए हैं। इसी उद्देश्य से आदित्य ठाकरे ने पटना जाकर तेजस्वी यादव से मुलाकात की। 

तेजस्वी करेंगे बीएमसी चुनाव में प्रचार
आदित्यन ठाकरे और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उद्धव गुट की तरफ से प्रचार में भी उतरेंगे। अब देखना यह है कि इसका कितना फायदा उद्धव गुट को मिलेगा। एक अनुमान के मतुाबिक मुंबई में उत्तर भारत के करीब 50 लाख लोग हैं। इनमें से ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। उद्धव ठाकरे गुट की नजर इस समुदाय के बड़े वर्ग का समर्थन हासिल करने का है। 

उद्धव ठाकरे ने भी की रिझाने की कोशिश
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्ध ठाकरे भी उत्तर भारतीयों को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं। बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि उत्तर  भारतीयों के लिए हमारे घर का दरवाजा हमेशा खुला है। उत्तर भारतीय हमारे साथ आएं। उन्होंने कहा था कि उत्तर  भारतीयों ने मुंबई में अपनी अलग जगह बनाई है और यह समाज एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। उद्धव ठाकरे ने मातोश्री में इस रणनीति को लेकर बैठक की। इसमें उन नेताओं को भी शामिल किया गया था जिनकी उत्तर भारतीयों पर अच्छी पकड़ है। उन्होंने सभी नेताओं से बीएमसी चुनाव  की तैयारी करने का  आह्वान किया। 

क्या हैं उद्धव सेना की चुनौतियां
इस बार बीएमसी चुनाव की डगर भी उद्धव सेना के लिए आसान नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि शिवसेना का एक बड़ा धड़ा अब उद्ध के साथ नहीं है बल्कि भाजपा के साथ है। दूसरा बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय भाजपा के समर्थक हैं। भाजपा भी उत्तर भारतीयों पर अपनी पकड़ औऱ मजबूत करने का  पूरा प्रयास कर रही है। कांग्रेस के पूर्व नेत राजहंस सिंह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके हैं, वहीं राज्य के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के पूर्व नेता कृपाशंकर सिंह को बीएमसी चुनाव से पहले भाजपा के उत्तर भारतीय प्रकोष्ठ का प्रभारी बनाया गया है। बताया जा रहा है कि 2023 की शुरुआत में बीएमसी चुनाव हो सकते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेख