Hindi Newsदेश न्यूज़Supreme Court says NRC must come by July 31

असम NRC पर SC बोला, 31 जुलाई से आगे नहीं बढ़ाई जाएगी समय सीमा

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की 31 जुलाई की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की...

नई दिल्ली, लाइव हिन्दुस्तान टीम Wed, 8 May 2019 06:26 PM
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उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की 31 जुलाई की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाई जायेगी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने असम राष्ट्रीय नागरिक पंजी के संयोजक प्रतीक हजेला को नागरिक पंजी में नागरिकों के नाम शामिल करने या गलत तरीके से बाहर करने संबंधी दावों और आपत्तियों के निबटारे के लिये खुली छूट दे दी।

पीठ ने यह निर्देश उस समय दिया जब हजेला ने उसे सूचित किया कि नागरिक पंजी के मसौदे में चुनिन्दा व्यक्तियों के नाम शामिल करने पर आपत्ति करने वाले अनेक लोग इन शिकायतों पर विचार करने वाली समिति के सामने नहीं आ रहे हैं। पीठ ने हजेला से कहा, ''आप इस पर फैसला करें। यदि वे (नागरिक पंजी के मसौदे में शामिल नामों पर आपत्ति करने वाले) अपनी आपत्तियों पर आगे नहीं आ रहे हैं, तो कानून अपना काम करेगा। आप जो भी करें, लेकिन तारीख 31 जुलाई ही रहेगी। यह एक दिन पहले तो हो सकता है लेकिन एक दिन बाद नहीं।"

पीठ ने हजेला से कहा कि वह अपने विवेक का इस्तेमाल करें और नागरिक पंजी के मसौदे में चुनिन्दा व्यक्तियों को शामिल करने के बारे में आपत्तियों पर निर्णय करते समय कानून को ध्यान में रखें। यदि आपत्तियां दायर करने वाले आगे नहीं आते हैं तो वह कानून के अनुसार आगे बढ़ सकते हैं। पीठ ने इस मामले को 10 जुलाई के लिये सूचीबद्ध करते हुये हजेला से कहा कि वे ग्रीष्मावकाश के दौरान किसी भी दिन आावश्यक आदेश के लिये उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष इस मामले का उल्लेख कर सकते हैं।

शीर्ष अदालत ने 10 अप्रैल को हजेला से कहा था कि राष्ट्रीय नागरिक पंजी के मसौदे से बाहर रहने की वजह से दावा दाखिल करने वाले व्यक्तियों की ''असुविधा न्यूनतम करने के लिये उचित कदम उठायें।" हजेला ने न्यायालय से कहा था कि मसौदा सूची से बाहर रह गये व्यक्तियों के नागरिकता संबंधी दावों का 'परिवार वंशावली और भूमि रिकार्ड के आधार पर सत्यापन किया जा रहा है।

इससे पहले, पांच फरवरी को न्यायालय ने कहा था कि केन्द्र किसी न किसी तरह असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी का काम रूकवाना चाहता है। इससे पहले केन्द्र ने लोकसभा चुनाव के दौरान सुरक्षा बलों की अनुपलब्धता का हवाला देते हुये नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने का काम स्थगित करने का अनुरोध किया था। राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम ही शामिल किये गये थे। इस सूची में 40,70,707 व्यक्तियों के नाम नहीं थे जबकि 37,59,630 व्यक्तियों के नाम अस्वीकार कर दिये गये थे। शेष 2,48,077 व्यक्तियों के नाम अलग रखे गये थे।

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