यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए खुशखबरी, MBBS डिग्री हासिल करने का मिलेगा एक मौका
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित करते हुए बताया,
यूक्रेन युद्ध के बाद भारत लौटे छात्रों के लिए अच्छी खबर है। इन छात्रों को भी अब भारत में MBBS की डिग्री हासिल करने का मौका मिलेगा। हालांकि ये मौका केवल एक बार ही मिलेगा। इसको लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को घोषणा की। इसने कहा कि यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को देश में एमबीबीएस परीक्षा पास करने का मौका दिया जाएगा।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित करते हुए बताया, "छात्रों को किसी भी मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के बिना एमबीबीएस पार्ट 1 और पार्ट 2 को पास करने का अंतिम मौका दिया जाएगा।" केंद्र ने कहा कि थ्योरी परीक्षा भारतीय एमबीबीएस परीक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित होगी और प्रैक्टिकल कुछ नामित सरकारी कॉलेजों में आयोजित किए जाएंगे।
केंद्र ने कहा, "यूक्रेन से भारत लौटने वाले छात्रों को किसी भी मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में नामांकन के बिना एमबीबीएस फाइनल, भाग I और भाग II परीक्षा (थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों) को पास करने का केवल एक ही मौका दिया जाएगा। इन दो परीक्षाओं को पास करने के बाद, छात्रों को 2 साल की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप पूरी करनी होगी, जिसमें से पहला साल फ्री होगा और दूसरे साल का भुगतान किया जाएगा जैसा कि एनएमसी द्वारा पिछले मामलों में तय किया गया है।"
केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि मामले में गठित समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि यह विकल्प सख्ती से केवल और केवल एक बार ही इस्तेमाल किया जाएगा और भविष्य में इस विकल्प को आधार नहीं बनाया जाएगा। इसी के साथ केंद्र सरकार के इस जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा कर दिया है। बता दें कि पिछले साल मार्च में यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी।
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