क्यों सही है 'MP के दिल में मोदी' वाली शिवराज की बात, उनके 13 मंत्री हारे; पर भाजपा की जय
मध्य प्रदेश में भले ही भाजपा ने 48 फीसदी ऐतिहासिक वोट के साथ जीत हासिल की है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान की सरकार के 13 मंत्री हार गए हैं। इनमें नरोत्तम मिश्रा जैसे चर्चित चेहरे भी शामिल हैं।
मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत ने एग्जिट पोल्स को गलत साबित किया तो राजनीतिक विश्लेषकों को भी सोचने पर मजबूर किया है। कमलनाथ की सरकार आने वाली है के दावे इतने प्रबल थे कि भाजपा को भी इतने बड़े जनादेश की उम्मीद नहीं थी। पर जब ईवीएम खुलने लगीं तो नजारा बदल गया। भाजपा ने 230 सीटों वाले राज्य में 163 सीटें जीतकर बड़ी विजय हासिल की है। उसका वोट शेयर भी शानदार रहा है और उसने अब तक के सबसे ज्यादा 48.6 फीसदी वोट हासिल किए हैं। अब इन नतीजों के फैक्टर्स का विश्लेषण हो रहा है, लेकिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आगे बढ़कर इसका क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को दिया है।
यही नहीं उन्होंने कहा कि मोदी के दिल में एमपी और एमपी के दिल में मोदी है। आंकड़ों से यह बात साबित भी होती है कि पीएम नरेंद्र मोदी का असर रहा है। इसकी वजह यह है कि खुद शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शामिल रहे 13 मंत्री चुनाव हार गए। इनमें होम मिनिस्टर नरोत्तम मिश्रा और गौरीशंकर बिसेन जैसे नेता भी शामिल हैं। कुल 30 मंत्री चुनाव में उतरे थे और 13 हार गए, जिसका अर्थ हुआ कि 40 फीसदी मंत्री चुनाव नहीं जीत सके। ऐसे में यह जनाधार मोदी, शिवराज और भाजपा के नाम पर ही मिला मान सकते हैं।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में प्रचार की कमान संभाली थी और ग्वालियर, भोपाल, चंबल, महाकोशल और इंदौर समेत तमाम अहम इलाकों में गए थे। 'मोदी की गारंटी' के नाम पर उन्होंने जो वादे किए थे, उन पर जनता का भरोसा दिखा है। इसके अलावा लाडली बहना स्कीम का असर भी देखा जा रहा है। महिलाओं ने इस बार पुरुषों की तुलना में ज्यादा वोट दिए और यह भाजपा के पक्ष में जाता दिखा। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान लगातार 4 जातियों की बात भी की थी- युवा, किसान, महिला और गरीब। माना जा रहा है कि इनमें से सबसे अधिक आबादी रखने वाली महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाजपा को वोट दिए।
वहीं 13 मंत्रियों की हार बताती है कि स्थानीय नेताओं से जनता बहुत खुश नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व और भाजपा सरकार की स्कीमों ने उनके भरोसे को टूटने नहीं दिया। ऐसी स्थिति में जनता ने स्थापित मंत्रियों तक को हरा दिया और भाजपा के वे साधारण चेहरे भी जीत गए, जो पहली बार किस्मत आजमा रहे थे। गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान के अलावा राजस्थान में वसुंधरा राजे और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह ने भी जीत का क्रेडिट पीएम नरेंद्र मोदी को ही दिया है।