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राहुल गांधी को महाभारत में भी अधर्म ही दिखा, याद भी आए तो शकुनि; राज्यसभा में खूब बोले शिवराज

कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में राहुल गांधी पर तीखे तंज कसे। राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान महाभारत का जिक्र करते हुए चक्रव्यूह और शकुनि की बात की थी।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 2 Aug 2024 03:38 PM
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कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में राहुल गांधी पर तीखे तंज कसे। राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान महाभारत का जिक्र करते हुए चक्रव्यूह की बात की थी। इसे लेकर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राहुल गांधी ने महाभारत की भी बात की तो उन्हें अधर्म ही नजर आया। शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'उनको याद भी आए तो शकुनि, चौपर और चक्रव्यूह। इन सभी का संबंध अधर्म से है। शकुनि तो धोखे के प्रतीक थे। चौसर में धोखे से ही हराया गया  और चक्रव्यूह का मतलब घेरकर मारना। कांग्रेस को क्यों ये सब याद आते हैं।'

शिवराज ने कहा कि महाभारत काल में जब हम जाते हैं तो हमें भगवान श्रीकृष्ण याद आते हैं। जब-जब धर्म की हानि होगी, तब तब मैं आऊंगा, यह भगवान ने कहा था। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम ने कहा कि यह पाप किसने बढ़ाया। कांग्रेस के बारे में क्या कहें। नेहरू जी रूस गए और वहां से एक मॉडल लाए और कहा कि इसे लागू करो। तब भारत रत्न चौधरी चरण सिंह ने कहा कि ऐसा न किया जाए। वह 17 साल पीएम रहे और लोगों को सड़ा हुआ लाल गेहूं खाना पड़ा, जो अमेरिका से आया था। फिर इंदिरा जी के समय में किसानों से लेवी वसूली की गई। राजीव गांधी ने भी बातें कीं, लेकिन किसानों के कल्याण के लिए कोई कदम नहीं उठाए। 

10 साल के यूपीएम शासन की क्या बात करें, जब दुनिया में हमारी पहचान घोटालों के देश के तौर पर हुई। इस बीच एक देदीप्यमान सूर्य उगा, जिसका नाम था नरेंद्र मोदी। उनके नेतृत्व में प्राथमिकता बदलने का काम हुआ है और खेती के लिए हमारी 6 प्राथमिकताएं हैं। 

- कृषि की उत्पादकता बढ़ाना

- किसानों के लिए लागत घटाना

- फसलों का ठीक दाम देना

- प्राकृतिक आपदा में उचित राहत राशि

- खेती का विविधिकरण करना

- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये लोग खेती का बजट कम होने की बात करते हैं। लेकिन सच यह है कि 2013-14 में यह 23 हजार करोड़ था और अब 1 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटन खेती के लिए किया गया है। इसके अलावा सिंचाई का बजट भी अलग है, जिसे जलशक्ति मंत्रालय के तहत किया गया है। 

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