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थरूर समेत 7 सांसद नहीं ले पाए शपथ, क्या स्पीकर चुनाव में नहीं दे पाएंगे वोट? विपक्ष को तगड़ा झटका

आज लोकसभा स्पीकर पद के लिए आज वोटिंग होनी है। लेकिन, इससे पहले ही विपक्ष को झटका लगा है। शशि थरूर समेत सात सांसद शपथ नहीं ले पाए। स्पीकर चुनाव में वोटिंग नहीं कर पाएंगे।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 26 June 2024 05:40 AM
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लोकसभा स्पीकर पद के लिए आज संसद में चुनाव होने जा रहा है। भारतीय लोकतंत्र में 48 साल बाद ऐसा होगा। एनडीए की तरफ से ओम बिरला और विपक्ष की तरफ से कांग्रेस सांसद के सुरेश मैदान में आमने-सामने हैं। स्पीकर चुनाव से पहले ही विपक्ष को तगड़ा झटका लगा है। शशि थरूर समेत विपक्ष के पांच सांसद ऐसे हैं, जो अभी तक शपथ नहीं ले पाएं हैं। ऐसे में नियम के मुताबिक वे स्पीकर चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। 2 निर्दलीय सांसदों ने भी अभी तक शपथ नहीं ली है।

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए होने वाले चुनाव को लेकर यह तो स्पष्ट है कि पलड़ा भाजपा गठबंधन वाले एनडीए का भारी है। सूत्रों से यह भी पता लगा है कि जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी एनडीए उम्मीदवार को अपना समर्थन देने का फैसला लिया है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा बाकी है। इसके अलावा निर्दलीय से भी कई सांसद एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला को अपना समर्थन दे सकते हैं। 

कौन-कौन सांसद नहीं ले पाए शपथ
सत्र के दूसरे दिन बाद भी शपथ न ले पाने वाले सांसदों में कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर और तृणमूल कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा शामिल हैं। अन्य में तृणमूल कांग्रेस के दीपक अधिकारी और नुरुल इस्लाम, समाजवादी पार्टी के अफ़ज़ल अंसारी और दो निर्दलीय सांसदों ने भी अभी तक शपथ नहीं ली है। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि इन नेताओं की शपथ क्यों लंबित है? हालांकि बुधवार को स्पीकर पर चुनाव से कुछ देर पहले टीएमसी के सांसद दीपक अधिकारी ने शपथ ले ली है। 

शपथ न ले पाने वाले सांसदों में एक अफ़ज़ल अंसारी भी हैं। वो मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं। उन्हें चार साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। चुनाव के मद्देनजर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी जेल अवधि पर रोक लगा दी थी। जुलाई में कोर्ट खुलने पर मामले की सुनवाई होगी। यदि अदालत उनकी सजा बरकरार रखती है तो वह संसद की सदस्यता खो देंगे।

किसके पास कितना संख्या बल
स्पीकर चुनाव में जीत उपस्थित और मतदान करने वाले सांसदों की संख्या पर आधारित होगी। जिसका अर्थ है कि इन सात सांसदों की अनुपस्थिति से कुल संख्या कम हो जाएगी। स्पीकर चुनाव के लिए बहुमत का आंकड़ा 269 होगा। जबकि, भाजपा और उसके गठबंधन घटक एनडीए के पास पर्याप्त संख्याबल है। दूसरी ओर विपक्ष ने 232 सीटें जीतीं थी लेकिन, उसके पांच सांसद शपथ न ले पाने के कारण मतदान में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। इसका खामियाजा विपक्षी दल को भुगतना पड़ सकता है।

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